ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - ಹಿಂದಿ ಅನುವಾದ - ಅಝೀಝ್ ಅಲ್-ಹಕ್ ಅಲ್-ಉಮರಿ

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53 : 3

رَبَّنَاۤ اٰمَنَّا بِمَاۤ اَنْزَلْتَ وَاتَّبَعْنَا الرَّسُوْلَ فَاكْتُبْنَا مَعَ الشّٰهِدِیْنَ ۟

ऐ हमारे पालनहार! हम उसपर ईमान लाए, जो तूने उतारा और हमने रसूल का अनुसरण किया, अतः तू हमें गवाही देने वालों के साथ लिख ले। info
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54 : 3

وَمَكَرُوْا وَمَكَرَ اللّٰهُ ؕ— وَاللّٰهُ خَیْرُ الْمٰكِرِیْنَ ۟۠

तथा उन्होंने गुप्त योजना[23] बनाई और अल्लाह ने (भी) गुप्त योजना बनाई और अल्लाह सब गुप्त योजना बनाने वालों से बेहतर है। info

23.अर्थात ईसा (अलैहिस्सलाम) को हत करने की। तो अल्लाह ने उन्हें विफल कर दिया। (देखिए : सूरतुन्-निसा, आयत :157)

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55 : 3

اِذْ قَالَ اللّٰهُ یٰعِیْسٰۤی اِنِّیْ مُتَوَفِّیْكَ وَرَافِعُكَ اِلَیَّ وَمُطَهِّرُكَ مِنَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَجَاعِلُ الَّذِیْنَ اتَّبَعُوْكَ فَوْقَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ ۚ— ثُمَّ اِلَیَّ مَرْجِعُكُمْ فَاَحْكُمُ بَیْنَكُمْ فِیْمَا كُنْتُمْ فِیْهِ تَخْتَلِفُوْنَ ۟

जब अल्लाह ने कहा : ऐ ईसा! मैं तुझे क़ब्ज़ करने वाला हूँ और तुझे अपनी ओर उठाने वाला हूँ, तथा तुझे उन लोगों से पवित्र करने वाला हूँ जिन्होंने कुफ़्र किया और तेरे अनुयायियों को क़ियामत के दिन तक काफ़िरों के ऊपर[24] करने वाला हूँ। फिर मेरी ही ओर तुम्हारा लौटकर आना है। तो मैं तुम्हारे बीच उस चीज़ के बारे में निर्णय करूँगा, जिसमें तुम मतभेद किया करते थे। info

24. अर्थात यहूदियों तथा मुश्रिकों के ऊपर।

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56 : 3

فَاَمَّا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَاُعَذِّبُهُمْ عَذَابًا شَدِیْدًا فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ ؗ— وَمَا لَهُمْ مِّنْ نّٰصِرِیْنَ ۟

फिर जिन लोगों ने कुफ़्र किया, तो मैं उन्हें दुनिया एवं आख़िरत में बहुत कड़ी यातना दूँगा और कोई उनके सहायक न होंगे। info
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57 : 3

وَاَمَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَیُوَفِّیْهِمْ اُجُوْرَهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یُحِبُّ الظّٰلِمِیْنَ ۟

तथा रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, तो वह उन्हें उनका बदला पूरा-पूरा देगा तथा अल्लाह अत्याचारियों से प्रेम नहीं करता। info
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58 : 3

ذٰلِكَ نَتْلُوْهُ عَلَیْكَ مِنَ الْاٰیٰتِ وَالذِّكْرِ الْحَكِیْمِ ۟

(ऐ नबी!) यह है जिसे हम आयतों (निशानियों) और हिकमत से परिपूर्ण (दृढ़) उपदेश में से आपको पढ़कर सुनाते हैं। info
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59 : 3

اِنَّ مَثَلَ عِیْسٰی عِنْدَ اللّٰهِ كَمَثَلِ اٰدَمَ ؕ— خَلَقَهٗ مِنْ تُرَابٍ ثُمَّ قَالَ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟

निःसंदेह ईसा का उदाहरण अल्लाह के निकट आदम के उदाहरण की तरह[25] है कि उसे थोड़ी-सी मिट्टी से बनाया, फिर उसे कहा : "हो जा", तो वह हो जाता है। info

25. अर्थात जैसे प्रथम पुरुष आदम (अलैहिस्सलाम) को बिना माता-पिता के उत्पन्न किया, उसी प्रकार ईसा (अलैहिस्सलाम) को बिना पिता के उत्पन्न कर दिया, अतः वह भी मानव पुरुष हैं।

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60 : 3

اَلْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُنْ مِّنَ الْمُمْتَرِیْنَ ۟

यह सत्य[26] आपके पालनहार की ओर से है। अतः आप संदेह करने वालों में से न हों। info

26. अर्थात ईसा अलैहिस्सलाम का मानव पुरुष होना। अतः आप उनके विषय में किसी संदेह में न पड़ें।

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61 : 3

فَمَنْ حَآجَّكَ فِیْهِ مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَكَ مِنَ الْعِلْمِ فَقُلْ تَعَالَوْا نَدْعُ اَبْنَآءَنَا وَاَبْنَآءَكُمْ وَنِسَآءَنَا وَنِسَآءَكُمْ وَاَنْفُسَنَا وَاَنْفُسَكُمْ ۫— ثُمَّ نَبْتَهِلْ فَنَجْعَلْ لَّعْنَتَ اللّٰهِ عَلَی الْكٰذِبِیْنَ ۟

फिर जो व्यक्ति आपसे उसके बारे में झगड़ा करे, इसके बाद कि आपके पास ज्ञान आ चुका, तो कह दें : आओ! हम अपने पुत्रों तथा तुम्हारे पुत्रों और अपनी स्त्रियों तथा तुम्हारी स्त्रियों को बुला लें और अपने आपको और तुम्हें भी, फिर गिड़गिड़ाकर प्रार्थना करें और झूठों पर अल्लाह की ला'नत[27] भेजें। info

27. अर्थात् अल्लाह से यह प्रार्थना करें कि वह हममें से मिथ्यावादियों को अपनी दया से दूर कर दे।

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