22. इन आयतों का भावार्थ यह है कि जब मूसा अलैहिस्सलाम बनी इसराईल को लेकर मिस्र से निकले, तो अल्लाह ने उन्हें बैतुल मक़्दिस में प्रवेश कर जाने का आदेश दिया, जिस पर अमालिक़ा जाति का क़ब्ज़ा था और वही उसके शासक थे। परंतु बनी इसराईल ने, जो कायर हो गए थे, अमालिक़ा से युद्ध करने का साहस नहीं किया। और इस आदेश का विरोध किया, जिसके परिणाम स्वरूप उसी क्षेत्र में 40 वर्ष तक फिरते रहे। और जब 40 वर्ष बीत गए, और एक नया वंश जो साहसी था पैदा हो गया, तो उसने उस धरती पर अधिकार कर लिया। (इब्ने कसीर)
23. भाष्यकारों ने इन दोनों के नाम क़ाबील और हाबील बताए हैं।
24. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा : जो भी प्राणी अत्याचार से मारा जाए, तो आदम के प्रथम पुत्र पर उनके ख़ून का भाग होता है, क्योंकि उसी ने सर्वप्रथम हत्या की रीति बनाई है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6867, सह़ीह़ मुस्लिम : 1677)