ការបកប្រែអត្ថន័យគួរអាន - ការអធិប្បាយសង្ខេបអំពីគម្ពីគួរអានជាភាសាឥណ្ឌា

លេខ​ទំព័រ:close

external-link copy
21 : 18

وَكَذٰلِكَ اَعْثَرْنَا عَلَیْهِمْ لِیَعْلَمُوْۤا اَنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ وَّاَنَّ السَّاعَةَ لَا رَیْبَ فِیْهَا ۚۗ— اِذْ یَتَنَازَعُوْنَ بَیْنَهُمْ اَمْرَهُمْ فَقَالُوا ابْنُوْا عَلَیْهِمْ بُنْیَانًا ؕ— رَبُّهُمْ اَعْلَمُ بِهِمْ ؕ— قَالَ الَّذِیْنَ غَلَبُوْا عَلٰۤی اَمْرِهِمْ لَنَتَّخِذَنَّ عَلَیْهِمْ مَّسْجِدًا ۟

और जिस प्रकार हमने उनके साथ हमारी शक्ति को दर्शाने वाले अद्भुत कार्य किए, जैसे बहुत वर्षों तक उन्हें नींद के आगोश में रखना और उसके बाद उन्हें जगाना, उसी प्रकार हमने उनके शहर के लोगों को उनसे अवगत कर दिया, ताकि उनके शहर के लोगों को पता चल जाए कि अल्लाह का ईमान वालों की मदद करने और मरने के बाद दोबारा जीवित करने का वादा सच्चा है और यह कि क़ियामत आने वाली है, उसके आने में कोई संदेह नहीं है। फिर जब गुफा वालों का मामला प्रकाश में आ गया और उनकी मृत्यु हो गई, तो उनसे अवगत होने वालों के बीच इस बारे में मतभेद हो गया कि : वे उनके संबंध में क्या करें? उनमें से एक समूह ने कहा : उनकी गुफा के द्वार पर एक भवन बना दो, जिससे वे छिपे तथा सुरक्षित रहें। उनका पालनहार उनकी स्थिति के बारे में सबसे अधिक जानता है। क्योंकि उनकी स्थिति की अपेक्षा यह है कि उन्हें अल्लाह के यहाँ विशेष स्थान प्राप्त है। तथा प्रभावशाली लोगों ने, जिनके पास ज्ञान तथा सही दावत नहीं थी, कहा : हम उनके इस स्थान पर उनके सम्मान हेतु तथा उनके स्थान की यादगार के तौर पर एक मस्जिद बनाएँगे। info
التفاسير:

external-link copy
22 : 18

سَیَقُوْلُوْنَ ثَلٰثَةٌ رَّابِعُهُمْ كَلْبُهُمْ ۚ— وَیَقُوْلُوْنَ خَمْسَةٌ سَادِسُهُمْ كَلْبُهُمْ رَجْمًا بِالْغَیْبِ ۚ— وَیَقُوْلُوْنَ سَبْعَةٌ وَّثَامِنُهُمْ كَلْبُهُمْ ؕ— قُلْ رَّبِّیْۤ اَعْلَمُ بِعِدَّتِهِمْ مَّا یَعْلَمُهُمْ اِلَّا قَلِیْلٌ ۫۬— فَلَا تُمَارِ فِیْهِمْ اِلَّا مِرَآءً ظَاهِرًا ۪— وَّلَا تَسْتَفْتِ فِیْهِمْ مِّنْهُمْ اَحَدًا ۟۠

उनकी कहानी के बारे में बातचीत करने वाले कुछ लोग उनकी संख्या के बारे में कहेंगे : वे तीन हैं, उनमें से चौथा उनका कुत्ता है। तथा उनमें से कुछ अन्य लोग कहेंगे : वे पाँच हैं, उनमें से छठा उनका कुत्ता है। जबकि इन दोनों समूहों ने जो कुछ कहा है, वह बिना सबूत के अपने गुमान के अनुसार कहा है। उनमें से कुछ दूसरे लोग कहेंगे : वे सात हैं और उनमें से आठवाँ उनका कुत्ता है। (ऐ रसूल!) आप कह दीजिए : मेरा पालनहार ही उनकी संख्या बेहतर जानता है, उनकी संख्या केवल कुछ ही लोगों को पता है, जिन्हें अल्लाह ने उनकी संख्या सिखाई है। अतः आप उनकी संख्या या उनकी अन्य स्थितियों के बारे में किताब वालों या अन्य लोगों से सरसरी बहस के अलावा गहरी बहस न करें। इस प्रकार कि आप उसी तक सीमित रहें जो उनके विषय में आपपर वह़्य उतरी है। तथा आप उनमें से किसी से भी उनके मामले के विवरण के बारे में न पूछें, क्योंकि उन्हें इसका ज्ञान नहीं है। info
التفاسير:

external-link copy
23 : 18

وَلَا تَقُوْلَنَّ لِشَایْءٍ اِنِّیْ فَاعِلٌ ذٰلِكَ غَدًا ۟ۙ

और (ऐ नबी) आप हरगिज़ किसी चीज़ के बारे में, जिसे आप कल करना चाहते हों, यह न कहें : मैं कल यह काम करूँगा। क्योंकि आप नहीं जानते कि आप इसे करेंगे, या आपके और उसके बीच कोई बाधा आ जाएगी? यह हर मुसलमान के लिए एक निर्देशन है। info
التفاسير:

external-link copy
24 : 18

اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؗ— وَاذْكُرْ رَّبَّكَ اِذَا نَسِیْتَ وَقُلْ عَسٰۤی اَنْ یَّهْدِیَنِ رَبِّیْ لِاَقْرَبَ مِنْ هٰذَا رَشَدًا ۟

परंतु यह कि आप उसके करने को अल्लाह की चाहत के साथ जोड़ दें और यूँ कहें : मैं - इन शा अल्लाह - (यदि अल्लाह चाहे) उसे कल करूँगा। और यदि आप यह कहना भूल जाएँ, तो अपने पालनहार को "इन शा अल्लाह " कह कर याद कर लें और कहें : मुझे आशा है कि मेरा पालनहार मुझे इस मामले से निकटतर मार्गदर्शन और सफलता की राह दिखाएगा। info
التفاسير:

external-link copy
25 : 18

وَلَبِثُوْا فِیْ كَهْفِهِمْ ثَلٰثَ مِائَةٍ سِنِیْنَ وَازْدَادُوْا تِسْعًا ۟

और गुफा वाले अपनी गुफा में तीन सौ नौ साल रहे। info
التفاسير:

external-link copy
26 : 18

قُلِ اللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا لَبِثُوْا ۚ— لَهٗ غَیْبُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— اَبْصِرْ بِهٖ وَاَسْمِعْ ؕ— مَا لَهُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ مِنْ وَّلِیٍّ ؗ— وَّلَا یُشْرِكُ فِیْ حُكْمِهٖۤ اَحَدًا ۟

और (ऐ रसूल) आप कह दीजिए : अल्लाह सबसे अधिक जानता है कि वे अपनी गुफा में कितने समय तक ठहरे, तथा उसने हमें बता दिया है कि वे उसमें कितने समय तक रहे। इसलिए उस महिमावान के कथन के बाद किसी अन्य की बात मान्य नहीं। आकाशों तथा धरती की छिपी हुई समस्त चीज़ों को पैदा करना और उनका ज्ञान रखना उसी महिमावान का काम है। वह महिमावान क्या ही खूब देखने वाला है! चुनाँचे वह सब कुछ देखता है। तथा वह क्या ही खूब सुनने वाला है! चुनाँचे वह सब कुछ सुनता है। उसके सिवा उनका कोई सहायक नहीं है, जो उनके मामले को संभाल सके और वह अपने शासन में किसी को साझी नहीं बनाता है। वह अकेला एकमात्र शासक है। info
التفاسير:

external-link copy
27 : 18

وَاتْلُ مَاۤ اُوْحِیَ اِلَیْكَ مِنْ كِتَابِ رَبِّكَ ؕ— لَا مُبَدِّلَ لِكَلِمٰتِهٖ ۫ۚ— وَلَنْ تَجِدَ مِنْ دُوْنِهٖ مُلْتَحَدًا ۟

और क़ुरआन में से जो कुछ अल्लाह ने आपकी ओर वह़्य की है (ऐ रसूल) आप उसे पढ़ें और उसपर अमल करें। क्योंकि उसकी बातों को कोई बदलने वाला नहीं; इसलिए वे सर्वथा सत्य और सर्वथा न्याय हैं। और आप उस महिमावान् अल्लाह के सिवा हरगिज़ कोई शरण स्थल और पनाह लेने की जगह नहीं पाएँगे, जहाँ आप शरण ले सकें। info
التفاسير:
ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• اتخاذ المساجد على القبور، والصلاة فيها، والبناء عليها؛ غير جائز في شرعنا.
• कब्रों पर मस्जिदें बनाना, उनमें नमाज़ पढ़ना और उनपर निर्माण करना, हमारी शरीयत में वैध नहीं है। info

• في القصة إقامة الحجة على قدرة الله على الحشر وبعث الأجساد من القبور والحساب.
• इस कहानी में क़ियामत के दिन लोगों को एकत्रित करने, क़ब्रों से शरीर को पुनर्जीवित कर उठाने और हिसाब लेने पर अल्लाह की सक्षमता पर तर्क स्थापित किया गया है। info

• دلَّت الآيات على أن المراء والجدال المحمود هو الجدال بالتي هي أحسن.
• इन आयतों से पता चलता है कि प्रशंसनीय बहस वह है, जो अच्छे तरीक़े से की जाए। info

• السُّنَّة والأدب الشرعيان يقتضيان تعليق الأمور المستقبلية بمشيئة الله تعالى.
• शरई सुन्नत और शिष्टाचार की अपेक्षा यह है कि भविष्य के मामलों को अल्लाह की मशीयत (इच्छा) से जोड़ा जाए। info