قۇرئان كەرىم مەنىلىرىنىڭ تەرجىمىسى - قۇرئان كەرىم قىسقىچە تەپسىرىنىڭ ھىندىچە تەرجىمىسى

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23 : 12

وَرَاوَدَتْهُ الَّتِیْ هُوَ فِیْ بَیْتِهَا عَنْ نَّفْسِهٖ وَغَلَّقَتِ الْاَبْوَابَ وَقَالَتْ هَیْتَ لَكَ ؕ— قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اِنَّهٗ رَبِّیْۤ اَحْسَنَ مَثْوَایَ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ۟

अज़ीज़ की पत्नी ने नम्रता से और छल का सहारा लेकर यूसुफ़ अलैहिस्सलाम को कुकर्म पर आमादा करना चाहा और उन्हें बिलकुल एकांत में लेने के लिए द्वार बंद कर लिए और उनसे कहा: "आ जाओ, मेरे पास आओ।" तो यूसुफ़ ने उससे कहा : तू मुझे जिस चीज़ के लिए बुला रही है, मैं उससे अल्लाह की शरण में आता हूँ। मेरे स्वामी ने मुझे अपने पास बेहतर ढंग से ठहराया है। अतः मैं कभी उसके साथ विश्वासघात नहीं करूँगा। यदि मैंने उसके साथ विश्वासघात किया, तो मैं अत्याचारी हो जाऊँगा। निःसंदेह अत्याचारी लोग कभी सफल नहीं होते। info
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24 : 12

وَلَقَدْ هَمَّتْ بِهٖ وَهَمَّ بِهَا لَوْلَاۤ اَنْ رَّاٰ بُرْهَانَ رَبِّهٖ ؕ— كَذٰلِكَ لِنَصْرِفَ عَنْهُ السُّوْٓءَ وَالْفَحْشَآءَ ؕ— اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُخْلَصِیْنَ ۟

उस महिला का मन कुकर्म के लिए इच्छुक था। और यूसुफ़ के मन में भी ऐसी ही इच्छा उत्पन्न हो गई होती, यदि वह अल्लाह की उन निशानियों को न देख लेते, जो उन्हें बुराई से रोकने तथा दूर रखने का कारण बनीं। और हमने उन्हें यह सब इसलिए दिखाया, ताकि हम उनसे बुराई को दूर कर दें और उन्हें व्यभिचार तथा विश्वासघात से दूर रखें। यूसुफ़ हमारे उन बंदों में से हैं, जिन्हें हमने नुबुव्वत और रिसालत के लिए चुन लिया है। info
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25 : 12

وَاسْتَبَقَا الْبَابَ وَقَدَّتْ قَمِیْصَهٗ مِنْ دُبُرٍ وَّاَلْفَیَا سَیِّدَهَا لَدَا الْبَابِ ؕ— قَالَتْ مَا جَزَآءُ مَنْ اَرَادَ بِاَهْلِكَ سُوْٓءًا اِلَّاۤ اَنْ یُّسْجَنَ اَوْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟

वे दोनों दरवाज़े की ओर भागे : यूसुफ़ खुद को बचाने के लिए और वह औरत उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए। इसलिए उसने उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए उनका कुर्ता पकड़ लिया और उसे उसके पीछे से फाड़ दिया। और दोनों ने उस (महिला) के पति को दरवाज़े पर पाया। अज़ीज़ की पत्नी ने चाल चलते हुए अज़ीज़ से कहा : (ऐ अज़ीज़!) जिस व्यक्ति ने तेरी पत्नी के साथ कुकर्म का इरादा किया, उसकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं हो सकती कि उसे क़ैद कर दिया जाए, या उसे दर्दनाक सज़ा दी जाए। info
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26 : 12

قَالَ هِیَ رَاوَدَتْنِیْ عَنْ نَّفْسِیْ وَشَهِدَ شَاهِدٌ مِّنْ اَهْلِهَا ۚ— اِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ قُبُلٍ فَصَدَقَتْ وَهُوَ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟

यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कहा : इसी ने मुझे कुकर्म करने को कहा था। मैंने उससे ऐसा नहीं चाहा था। ऐसे में उसके परिवार में से एक साक्षी उठ खड़ा हुआ और उसने यह कहकर गवाही दी : यदि यूसुफ़ का कुर्ता आगे से फटा है, तो यह उस स्त्री के सच्ची होने का संकेत है, क्योंकि वह उसे खुद से रोक रही थी, अतः वह (यूसुफ़) झूठा है। info
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27 : 12

وَاِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ فَكَذَبَتْ وَهُوَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟

और यदि यूसुफ़ का कुर्ता उसके पीछे से फाड़ा गया है, तो यह उनके सच्चे होने का सबूत है; क्योंकि वह उन्हें फुसला रही थी और वह उससे भाग रहे थे। इसलिए वह झूठी है। info
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28 : 12

فَلَمَّا رَاٰ قَمِیْصَهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ قَالَ اِنَّهٗ مِنْ كَیْدِكُنَّ ؕ— اِنَّ كَیْدَكُنَّ عَظِیْمٌ ۟

चुनाँचे जब अज़ीज़ ने देखा कि यूसुफ़ अलैहिस्साम का कुर्ता पीछे की ओर से फटा हुआ है, तो उसके सामने यूसुफ़ की सच्चाई स्पष्ट हो गई। उसने कहा : तुम्हारा यूसुफ़ पर लगाया गया यह आरोप तुम औरतों के छल और फ़रेब का हिस्सा है। यक़ीनन तुम्हारा छल और फ़रेब बड़ा शक्तिशाली होता है। info
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29 : 12

یُوْسُفُ اَعْرِضْ عَنْ هٰذَا ٚ— وَاسْتَغْفِرِیْ لِذَنْۢبِكِ ۖۚ— اِنَّكِ كُنْتِ مِنَ الْخٰطِـِٕیْنَ ۟۠

और उसने यूसुफ़ से कहा : ऐ यूसुफ़! इस मामले को जाने दो और इसकी चर्चा किसी से न करना। और तू अपने पाप के लिए क्षमा माँग। क्योंकि यूसुफ़ को फुसलाने के कारण निश्चित रूप से तू ही पापियों में से है। info
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30 : 12

وَقَالَ نِسْوَةٌ فِی الْمَدِیْنَةِ امْرَاَتُ الْعَزِیْزِ تُرَاوِدُ فَتٰىهَا عَنْ نَّفْسِهٖ ۚ— قَدْ شَغَفَهَا حُبًّا ؕ— اِنَّا لَنَرٰىهَا فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟

और उस (अज़ीज़ की पत्नी) की खबर शहर में फैल गई और महिलाओं के एक समूह ने निंदा के तौर पर कहा : अजीज की पत्नी अपने नौकर को रिझा रही है और उसका प्यार उसके दिल के अंदर तक पहुंच गया है। हम तो समझते हैं कि वह उसको रिझाने और उसके प्रति स्नेह और प्यार के कारण - जबकि वह उसका नौकर है - स्पष्ट गुमराही में पड़ चुकी है। info
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بۇ بەتتىكى ئايەتلەردىن ئېلىنغان مەزمۇنلار:
• قبح خيانة المحسن في أهله وماله، الأمر الذي ذكره يوسف من جملة أسباب رفض الفاحشة.
• उपकार करने वाले के साथ उसके परिवार एवं धन में विश्वासघात करने की बुराई। यही वह बात है, जिसका उल्लेख यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कुकर्म को नकारने के कारणों में किया है। info

• بيان عصمة الأنبياء وحفظ الله لهم من الوقوع في السوء والفحشاء.
• नबियों के दोषरहित होने और अल्लाह के उन्हें बुराई और अनैतिकता में पड़ने से सुरक्षित रखने का वर्णन। info

• وجوب دفع الفاحشة والهرب والتخلص منها.
• कुकर्म को रोकना, उससे भागना और उससे पीछा छुड़ाना ज़रूरी है। info

• مشروعية العمل بالقرائن في الأحكام.
• अह़काम में संकेतों पर अमल करने की वैधता। info