แปล​ความหมาย​อัลกุรอาน​ - คำแปลภาษาฮินดี สำหรับหนังสืออรรถาธิบายอัลกุรอานอย่างสรุป (อัลมุคตะศ็อร ฟีตัฟซีร อัลกุรอานิลกะรีม)

अन्-नबा

วัตถุประสงค์ของสูเราะฮ์:
بيان أدلة القدرة على البعث والتخويف من العاقبة.
मरणोपरांत पुनर्जीवित करने की क्षमता के प्रमाणों का वर्णन और परिणाम से डराना। info

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1 : 78

عَمَّ یَتَسَآءَلُوْنَ ۟ۚ

ये मुश्रिक लोग, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के उनकी ओर भेजे जाने के बाद, किस चीज़ के बारे में एक-दूसरे से पूछ रहे हैं?! info
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2 : 78

عَنِ النَّبَاِ الْعَظِیْمِ ۟ۙ

वे एक-दूसरे से बहुत बड़ी ख़बर के विषय में पूछ रहे हैं। और वह उनके रसूल पर अवतरित यह क़ुरआन है, जिसमें दोबारा उठाए जाने की सूचना है। info
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3 : 78

الَّذِیْ هُمْ فِیْهِ مُخْتَلِفُوْنَ ۟ؕ

यह क़ुरआन है, जिसका वर्णन करने में उनका मतभेद है कि वह जादू है, या कविता, या ज्योतिष या पहले लोगों की कहानियाँ। info
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4 : 78

كَلَّا سَیَعْلَمُوْنَ ۟ۙ

मामला वैसा नहीं है, जैसा वे समझते हैं। क़ुरआन को झुठलाने वाले ये लोग शीघ्र ही अपने झुठलाने के बुरे परिणाम को जान लेंगे। info
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5 : 78

ثُمَّ كَلَّا سَیَعْلَمُوْنَ ۟

फिर उनके लिए इसकी पुष्टि हो जाएगी। info
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6 : 78

اَلَمْ نَجْعَلِ الْاَرْضَ مِهٰدًا ۟ۙ

क्या हमने धरती को उनके लिए सपाट नहीं बनाया, जो उनके उसपर बसने के लिए उपयुक्त है?! info
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7 : 78

وَّالْجِبَالَ اَوْتَادًا ۟ۙ

और हमने पहाड़ों को धरती के ऊपर मेखों की तरह बनाया, जो उसे हिलने-डुलने से रोकते हैं। info
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8 : 78

وَّخَلَقْنٰكُمْ اَزْوَاجًا ۟ۙ

और (ऐ लोगो) हमने तुम्हें नर और मादा के रूप में पैदा किया। info
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9 : 78

وَّجَعَلْنَا نَوْمَكُمْ سُبَاتًا ۟ۙ

और हमने तुम्हारी नींद को गतिविधि से रुकने का कारण बनाया, ताकि तुम आराम कर सको। info
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10 : 78

وَّجَعَلْنَا الَّیْلَ لِبَاسًا ۟ۙ

और हमने रात को अपने अंधेरे के साथ तुम्हारे लिए आवरण बनाया, जैसे तुम कपड़े से अपनी शर्मगाहों को छिपाते हो। info
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11 : 78

وَّجَعَلْنَا النَّهَارَ مَعَاشًا ۟ۚ

और हमने दिन को कमाने और रोज़ी तलाश करने का समय बनाया। info
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12 : 78

وَبَنَیْنَا فَوْقَكُمْ سَبْعًا شِدَادًا ۟ۙ

और हमने तुम्हारे ऊपर मज़बूत तथा सुदृढ़ रूप से निर्मित सात आकाश बनाए। info
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13 : 78

وَّجَعَلْنَا سِرَاجًا وَّهَّاجًا ۟ۙ

और हमने सूरज को तेज़ जलने वाला और रौशनी देने वाला दीप बनाया। info
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14 : 78

وَّاَنْزَلْنَا مِنَ الْمُعْصِرٰتِ مَآءً ثَجَّاجًا ۟ۙ

और हमने उन बादलों से, जो बरसने ही वाले थे, बहुत बरसने वाला पानी उतारा। info
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15 : 78

لِّنُخْرِجَ بِهٖ حَبًّا وَّنَبَاتًا ۟ۙ

ताकि हम उसके द्वारा विभिन्न प्रकार के अन्न और नाना प्रकार की वनस्पतियाँ उगाएँ। info
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16 : 78

وَّجَنّٰتٍ اَلْفَافًا ۟ؕ

और उसके द्वारा ऐसे बाग़ उगाएँ, जो अपने पेड़ों की शाखाओं के आपस में गुथे होने के कारण गुंजान और घने हैं। info
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17 : 78

اِنَّ یَوْمَ الْفَصْلِ كَانَ مِیْقَاتًا ۟ۙ

निःसंदेह प्राणियों के बीच निर्णय के दिन का एक समय निर्धारित है, जो टल नहीं सकता। info
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18 : 78

یَّوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ فَتَاْتُوْنَ اَفْوَاجًا ۟ۙ

जिस दिन फ़रिश्ता सूर में दूसरी बार फूँक मारेगा, तो (ऐ लोगो) तुम गिरोह के गिरोह चले आओगे। info
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19 : 78

وَّفُتِحَتِ السَّمَآءُ فَكَانَتْ اَبْوَابًا ۟ۙ

और आकाश को खोल दिया जाएगा, तो उसमें खुले दरवाज़ों की तरह छेद और दरारें हो जाएँगी। info
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20 : 78

وَّسُیِّرَتِ الْجِبَالُ فَكَانَتْ سَرَابًا ۟ؕ

और पहाड़ों को चलाया जाएगा, यहाँ तक कि वे बिखरे हुए धूल में बदल जाएँगे और मरीचिका की तरह हो जाएँगे। info
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21 : 78

اِنَّ جَهَنَّمَ كَانَتْ مِرْصَادًا ۟ۙ

निश्चय जहन्नम घात लगाकर प्रतीक्षा में है। info
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22 : 78

لِّلطَّاغِیْنَ مَاٰبًا ۟ۙ

ज़ालिमों के लिए लौटने की जगह है, जहाँ वे लौटकर जाएँगे। info
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23 : 78

لّٰبِثِیْنَ فِیْهَاۤ اَحْقَابًا ۟ۚ

जिसमें वे अंतहीन युगों और कालों तक रहेंगे। info
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24 : 78

لَا یَذُوْقُوْنَ فِیْهَا بَرْدًا وَّلَا شَرَابًا ۟ۙ

वे उसमें न ठंडी हवा का स्वाद ले सकेंगे, जो उनसे दोज़ख़ की गर्मी को शांत कर सके, और न ही वे उसमें कोई आनंददायक पेय चखेंगे। info
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25 : 78

اِلَّا حَمِیْمًا وَّغَسَّاقًا ۟ۙ

वे अत्यंत गर्म पानी और जहन्नम के लोगों से बहने वाले मवाद के अलावा कुछ भी नहीं चखेंगे। info
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26 : 78

جَزَآءً وِّفَاقًا ۟ؕ

यह उनके कुफ़्र एवं गुमराही के अनुरूप बदला है। info
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27 : 78

اِنَّهُمْ كَانُوْا لَا یَرْجُوْنَ حِسَابًا ۟ۙ

निश्चय वे दुनिया में इस बात से नहीं डरते थे कि अल्लाह आख़िरत में उनका हिसाब लेगा। क्योंकि वे मरणोपरांत दोबारा जीवित होने में विश्वास नहीं करते थे। अगर वे दोबारा ज़िंदा होने का भय रखते, तो अल्लाह पर अवश्य ईमान लाते और अच्छे कार्य करते। info
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28 : 78

وَّكَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا كِذَّابًا ۟ؕ

तथा उन्होंने हमारे रसूल पर उतरने वाली हमारी आयतों को बुरी तरह झुठलाया। info
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29 : 78

وَكُلَّ شَیْءٍ اَحْصَیْنٰهُ كِتٰبًا ۟ۙ

और हमने उनके हर कार्य को संरक्षित कर लिया है और उसे गिन रखा है। और वह उनके कर्मपत्रों में लिखा हुआ है। info
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30 : 78

فَذُوْقُوْا فَلَنْ نَّزِیْدَكُمْ اِلَّا عَذَابًا ۟۠

अब (ऐ सरकशो) तुम इस स्थायी यातना का मज़ा चखो। हम तुम्हारे लिए यातना पर यातना ही बढ़ाते रहेंगे। info
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ประโยชน์​ที่​ได้รับ​:
• إحكام الله للخلق دلالة على قدرته على إعادته.
• सृष्टि की रचना में अल्लाह की प्रवीणता और निपुणता, उसे पुनर्स्थापित करने की उसकी क्षमता को दर्शाता है। info

• الطغيان سبب دخول النار.
• सरकशी जहन्नम में प्रवेश करने का कारण है। info

• مضاعفة العذاب على الكفار.
• काफ़िरों की यातना को कई गुना बढ़ा दिया जाएगा। info

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31 : 78

اِنَّ لِلْمُتَّقِیْنَ مَفَازًا ۟ۙ

निश्चय जो लोग अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरते हैं, उनके लिए कामयाबी का एक स्थान है, जिसमें वे अपनी मुराद प्राप्त कर लेंगे और वह जन्नत है। info
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32 : 78

حَدَآىِٕقَ وَاَعْنَابًا ۟ۙ

बाग़ और अंगूर हैं। info
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33 : 78

وَّكَوَاعِبَ اَتْرَابًا ۟ۙ

और समान आयु वाली नवयुवतियाँ हैं। info
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34 : 78

وَّكَاْسًا دِهَاقًا ۟ؕ

और शराब से भरे हुए जाम हैं। info
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35 : 78

لَا یَسْمَعُوْنَ فِیْهَا لَغْوًا وَّلَا كِذّٰبًا ۟ۚۖ

वे जन्नत में कोई निरर्थक बात नहीं सुनेंगे और न कोई झूठ सुनेंगे और न वे एक-दूसरे को झुठलाएँगे। info
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36 : 78

جَزَآءً مِّنْ رَّبِّكَ عَطَآءً حِسَابًا ۟ۙ

यह सब अल्लाह ने उन्हें अपने उपकार एवं एहसान स्वरूप ऐसा प्रदान दिया है जो व्याप्त एवं पर्याप्त है। info
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37 : 78

رَّبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا الرَّحْمٰنِ لَا یَمْلِكُوْنَ مِنْهُ خِطَابًا ۟ۚ

जो आकाशों और धरती का पालनहार तथा उन दोनों के बीच की समस्त चीज़ों का पालनहार है, जो दुनिया तथा आख़िरत में अत्यंत दयावान् है। धरती या आकाश में मोजूद लोगों में से किसी को भी उससे पूछने का अधिकार नहीं होगा, सिवाय इसके कि वह उन्हें अनुमति प्रदान कर दे। info
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38 : 78

یَوْمَ یَقُوْمُ الرُّوْحُ وَالْمَلٰٓىِٕكَةُ صَفًّا ۙۗؕ— لَّا یَتَكَلَّمُوْنَ اِلَّا مَنْ اَذِنَ لَهُ الرَّحْمٰنُ وَقَالَ صَوَابًا ۟

जिस दिन जिबरील और फ़रिश्ते पंक्तिबद्ध खड़े होंगे, वे किसी की सिफ़ारिश के लिए ज़बान नहीं खोलेंगे, सिवाय उसके जिसके लिए अत्यंत दयावान् (अल्लाह) सिफ़ारिश करने की अनुमति प्रदान कर देगा, और वह ठीक बात कहेगा, जैसे तौह़ीद (एकेश्वरवाद) का कलिमा। info
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39 : 78

ذٰلِكَ الْیَوْمُ الْحَقُّ ۚ— فَمَنْ شَآءَ اتَّخَذَ اِلٰی رَبِّهٖ مَاٰبًا ۟

यह (दिन) जिसका तुम्हारे सामने वर्णन हुआ, वह दिन है जिसके आने में कोई संदेह नहीं है। अतः जो उस दिन अल्लाह की यातना से बचना चाहता है, वह अपने पालनहार को प्रसन्न करने वाले कार्य करके उसके लिए रास्ता बना ले। info
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40 : 78

اِنَّاۤ اَنْذَرْنٰكُمْ عَذَابًا قَرِیْبًا ۖۚ۬— یَّوْمَ یَنْظُرُ الْمَرْءُ مَا قَدَّمَتْ یَدٰهُ وَیَقُوْلُ الْكٰفِرُ یٰلَیْتَنِیْ كُنْتُ تُرٰبًا ۟۠

हमने (ऐ लोगो) तुम्हें एक ऐसी यातना से सावधान कर दिया है, जो निकट ही घटित होने वाली है। जिस दिन मनुष्य इस दुनिया में अपने किए हुए काम को देख लेगा, और काफ़िर व्यक्ति यातना से मुक्ति की कामना करते हुए कहेगा : ऐ काश कि मैं जानवरों की तरह मिट्टी हो जाता! यह उस समय कहेगा, जब क़ियामत के दिन जानवरों से कहा जाएगा : तुम मिट्टी हो जाओ। info
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ประโยชน์​ที่​ได้รับ​:
• التقوى سبب دخول الجنة.
• 'तक़वा' जन्नत में प्रवेश करने का कारण है। info

• تذكر أهوال القيامة دافع للعمل الصالح.
• क़ियामत के भयावह दृश्यों को याद करना अच्छे काम के लिए प्रेरक है। info

• قبض روح الكافر بشدّة وعنف، وقبض روح المؤمن برفق ولين.
• काफ़िर के प्राण को सख़्ती और क्रूरता के साथ और मोमिन के प्राण को आसानी और नरमी के साथ निकाला जाता है। info