Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - Përkthimi indisht - Azizulhak el-Umeri

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18 : 85

فِرْعَوْنَ وَثَمُوْدَ ۟ؕ

फ़िरऔन तथा समूद की?[4] info

4. (17-18) इनमें अतीत की कुछ अत्याचारी जातियों की ओर संकेत है, जिनका सविस्तार वर्णन क़ुरआन की अनेक सूरतों में आया है। जिन्होंने आस्तिकों पर अत्याचार किए, जैसे मक्का के क़ुरैश मुसलमानों पर कर रहे थे। जबकि उनको पता था कि पिछली जातियों के साथ क्या हुआ। परंतु वे अपने परिणाम से ग़ाफ़िल थे।

التفاسير: