Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - Përkthimi indisht - Azizulhak el-Umeri

external-link copy
5 : 61

وَاِذْ قَالَ مُوْسٰی لِقَوْمِهٖ یٰقَوْمِ لِمَ تُؤْذُوْنَنِیْ وَقَدْ تَّعْلَمُوْنَ اَنِّیْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَیْكُمْ ؕ— فَلَمَّا زَاغُوْۤا اَزَاغَ اللّٰهُ قُلُوْبَهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الْفٰسِقِیْنَ ۟

तथा याद करो जब मूसा ने अपनी जाति से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम मुझे क्यों कष्ट देते हो, जबकि निश्चय तुम जानते हो कि मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ? फिर जब वे टेढ़े हो गए, तो अल्लाह ने उनके दिलों को टेढ़ा कर दिया और अल्लाह अवज्ञाकारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता। info
التفاسير: