Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - Përkthimi indisht - Azizulhak el-Umeri

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28 : 11

قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِهٖ فَعُمِّیَتْ عَلَیْكُمْ ؕ— اَنُلْزِمُكُمُوْهَا وَاَنْتُمْ لَهَا كٰرِهُوْنَ ۟

नूह़ ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुमने इस बात पर विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपने पास से दया[8] प्रदान की हो, फिर वह तुम्हें सुझाई न दे, तो क्या हम तुम्हें उसको मानने पर मजबूर[9] कर सकते हैं, जबकि तुम उसे नापसंद करते हो? info

8. अर्थात नुबुव्वत और मार्गदर्शन। 9. अर्थात मैं बलपूर्वक तुम्हें सत्य नहीं मनवा सकता।

التفاسير: