Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - El Muhtesar fi tefsir el Kuran el Kerim - Përkthimi indisht

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32 : 2

قَالُوْا سُبْحٰنَكَ لَا عِلْمَ لَنَاۤ اِلَّا مَا عَلَّمْتَنَا ؕ— اِنَّكَ اَنْتَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟

उन्होंने - अपनी कमी को स्वीकार करते हुए, अल्लाह को श्रेय देते हुए - कहा : ऐ हमारे पालनहार! हम तेरे फ़ैसले और विधान के बारे में तुझपर आपत्ति करने से तुझे पवित्र ठहराते और तेरा महिमामंडन करते हैं। क्योंकि तूने हमें जो ज्ञान दिया है, उसके सिवा हम और कुछ नहीं जानते। निःसंदेह तू सर्वज्ञ है, जिससे कुछ भी छिपा नहीं है, तू पूर्ण हिकमत वाला है, अपनी नियति और अपने विधान में चीजों को उनके उचित स्थान पर रखता है। info
التفاسير:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• الواجب على المؤمن إذا خفيت عليه حكمة الله في بعض خلقه وأَمْرِهِ أن يسلِّم لله في خلقه وأَمْرِهِ.
• मोमिन का कर्तव्य यह है कि यदि अल्लाह की किसी रचना और आदेश में उसकी हिकमत उसपर गुप्त रह जाए, तो वह उसकी रचना और आदेश में अल्लाह के प्रति समर्पित हो जाए। info

• رَفَعَ القرآن الكريم منزلة العلم، وجعله سببًا للتفضيل بين الخلق.
• क़ुरआन ने इल्म (ज्ञान) की स्थिति को ऊँचा किया और उसे सृष्टि के बीच वरीयता का एक कारण बना दिया info

• الكِبْرُ هو رأس المعاصي، وأساس كل بلاء ينزل بالخلق، وهو أول معصية عُصِيَ الله بها.
• अहंकार अवज्ञा की जड़ है, और लोगों पर आने वाली हर विपत्ति का आधार है और यह पहली अवज्ञा (पाप) है, जिसके द्वारा अल्लाह की अवज्ञा की गई है। info