22. उसे अल्लाह की ऊँटनी इसलिए कहा गया है कि उसे अल्लाह ने उनके लिए एक पर्वत से निकाला था। क्योंकि उन्होंने उसकी माँग की थी कि यदि पर्वत से ऊँटनी निकलेगी, तो हम ईमान ले आएँगे। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
23. अर्थात अतिथि सत्कार के लिए।
24. लूत अलैहिस्सलाम को भाष्यकारों ने इबराहीम अलैहिस्सलाम का भतीजा बताया है, जिनको अल्लाह ने सदूम की ओर नबी बना कर भेजा।