Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassara da harshan Hindi ta Taƙaitacce Tafsirin AlƘur'ani mai girma

अश्-शम्स

daga cikin abunda Surar ta kunsa:
التأكيد بأطول قسم في القرآن، على تعظيم تزكية النفس بالطاعات، وخسارة دسّها بالمعاصي.
आज्ञाकारिता के साथ आत्म की शुद्धि करने की महानता, तथा पापों (अवज्ञा) के साथ उसे दबाने की हानि पर, क़ुरआन के सबसे लंबे क़सम के द्वारा ज़ोर देना। info

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1 : 91

وَالشَّمْسِ وَضُحٰىهَا ۟

अल्लाह ने सूरज की क़सम खाई है और उसके पूरब से निकलने के बाद ऊपर चढ़ने के समय की क़सम खाई है। info
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2 : 91

وَالْقَمَرِ اِذَا تَلٰىهَا ۟

और चाँद की क़सम खाई है, जब वह सूरज डूबने के बाद उसके पीछे आए। info
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3 : 91

وَالنَّهَارِ اِذَا جَلّٰىهَا ۟

और दिन की क़सम खाई है, जब वह अपने प्रकाश से धरती के ऊपर मौजूद सारी चीज़ों को प्रकट (ज़ाहिर) कर दे। info
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4 : 91

وَالَّیْلِ اِذَا یَغْشٰىهَا ۟

और रात की क़सम खाई है, जब वह धरती के चेहरे को ढक ले और अंधेरी हो जाए। info
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5 : 91

وَالسَّمَآءِ وَمَا بَنٰىهَا ۟

और आकाश की क़सम खाई है तथा उसके मज़बूत निर्माण की क़सम खाई है। info
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6 : 91

وَالْاَرْضِ وَمَا طَحٰىهَا ۟

और धरती की क़सम खाई है तथा उसके बिछाने व हमवार करने की क़सम खाई, ताकि लोग उसके ऊपर रह सकें। info
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7 : 91

وَنَفْسٍ وَّمَا سَوّٰىهَا ۟

और हर आत्मा की क़सम खाई है तथा अल्लाह के उसे ठीक-ठाक बनाने की क़सम खाई है। info
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8 : 91

فَاَلْهَمَهَا فُجُوْرَهَا وَتَقْوٰىهَا ۟

फिर उसे किसी शिक्षा के बिना ही यह समझा दिया कि क्या बुरा है ताकि उससे बचे और क्या अच्छा है ताकि उसे करे। info
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9 : 91

قَدْ اَفْلَحَ مَنْ زَكّٰىهَا ۟

वह व्यक्ति अपने उद्देश्य में सफल हो गया, जिसने स्वयं को गुणों से सुसज्जित कर लिया और अपने आपको दोषों (बुराइयों) से रहित कर लिया। info
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10 : 91

وَقَدْ خَابَ مَنْ دَسّٰىهَا ۟ؕ

और वह व्यक्ति क्षति में पड़ गया, जिसने अपने आपको अवज्ञाओं और पापों में छिपाकर दबा दिया। info
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11 : 91

كَذَّبَتْ ثَمُوْدُ بِطَغْوٰىهَاۤ ۟

समूद की जाति ने अपने नबी सालेह अलैहिस्सलाम को झुठलाया, क्योंकि वह अवज्ञा और पाप करने में सीमा पार कर चुकी थी। info
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12 : 91

اِذِ انْۢبَعَثَ اَشْقٰىهَا ۟

जब उसका सबसे दुष्ट और अभागा व्यक्ति, अपने समुदाय के कहने पर उठ खड़ा हुआ। info
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13 : 91

فَقَالَ لَهُمْ رَسُوْلُ اللّٰهِ نَاقَةَ اللّٰهِ وَسُقْیٰهَا ۟ؕ

तो अल्लाह के रसूल सालेह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : अल्लाह की ऊँटनी को छोड़ दो और उसे उसकी बारी के दिन में पानी पीने दो। उसको कोई कष्ट न पहुँचाओ। info
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14 : 91

فَكَذَّبُوْهُ فَعَقَرُوْهَا— فَدَمْدَمَ عَلَیْهِمْ رَبُّهُمْ بِذَنْۢبِهِمْ فَسَوّٰىهَا ۟

चुनाँचे उन्होंने ऊँटनी के मामले में अपने रसूल को झुठला दिया और उनके सबसे दुष्ट आदमी ने ऊँटनी को मार डाला, जिसपर उन सब की सहमति थी। इस तरह वे सभी इस गुनाह में भागीदार थे। तो अल्लाह ने उनपर अपना अज़ाब भेज दिया और उन्हें उनके गुनाहों के कारण एक तेज़ आवाज़ के ज़रिए विनष्ट कर दिया और उस सज़ा में उन सब को बराबर रखा, जिसके साथ उन्हें नष्ट किया। info
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15 : 91

وَلَا یَخَافُ عُقْبٰهَا ۟۠

अल्लाह ने उन्हें उस यातना से पीड़ित किया, जिसने उन्हें नष्ट कर दिया, जबकि उस महिमावान को उसके परिणामों से कोई डर नहीं। info
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daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• أهمية تزكية النفس وتطهيرها.
• आत्म शुद्धिकरण का महत्व। info

• المتعاونون على المعصية شركاء في الإثم.
• पाप में सहयोग करने वाले पाप में भागीदार होते हैं। info

• الذنوب سبب للعقوبات الدنيوية.
• पाप, सांसारिक दंडों का कारण है। info

• كلٌّ ميسر لما خلق له فمنهم مطيع ومنهم عاصٍ.
• हर व्यक्ति के लिए वह काम आसान कर दिया जाता है, जिसके लिए उसे पैदा किया गया है। अतः उनमें से कुछ आज्ञाकारी हैं और उनमें से कुछ अवज्ञाकारी हैं। info