Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassara da harshan Indiya ta Taƙaitacce Tafsirin AlƘur'ani mai girma

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4 : 40

مَا یُجَادِلُ فِیْۤ اٰیٰتِ اللّٰهِ اِلَّا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَلَا یَغْرُرْكَ تَقَلُّبُهُمْ فِی الْبِلَادِ ۟

अल्लाह की आयतों के बारे में, जो उसके एकत्व और उसके रसूलों की सच्चाई प्रस्तुत करती हैं, केवल वही लोग झगड़ते हैं, जो अपनी विवेकहीनता के कारण अल्लाह का इनकार कर बैठे हैं। अतः, आप उनपर ग़म न करें। क्योंकि उन्हें मोहलत ढील देने और धोखे में पड़ने के लिए दी गई है। info
التفاسير:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• الجمع بين الترغيب في رحمة الله، والترهيب من شدة عقابه: مسلك حسن.
• अल्लाह की रहमत व दया की तरगीब तथा उसकी सख्त यातना से डराना, दोनों बातें एक साथ हों तो बेहतर है। info

• الثناء على الله بتوحيده والتسبيح بحمده أدب من آداب الدعاء.
• अल्लाह के एकत्व के साथ उसकी तारीफ़ करना तथा उसकी प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करना, दुआ के आदाब में से है। info

• كرامة المؤمن عند الله؛ حيث سخر له الملائكة يستغفرون له.
• अल्लाह के निकट मोमिन के सम्मान का उल्लेख कि उसने फ़रिश्ते नियुक्त कर रखे हैं, जो मोमिन के लिए क्षमा माँगते रहते हैं। info