Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassara da harshan Indiya ta Taƙaitacce Tafsirin AlƘur'ani mai girma

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113 : 37

وَبٰرَكْنَا عَلَیْهِ وَعَلٰۤی اِسْحٰقَ ؕ— وَمِنْ ذُرِّیَّتِهِمَا مُحْسِنٌ وَّظَالِمٌ لِّنَفْسِهٖ مُبِیْنٌ ۟۠

और हमने उनपर और उनके बेटे इसहाक़ पर अपनी ओर से बरकत उतारी। चुनाँचे उन दोनों को ढेर सारी नेमतें प्रदान कीं, जिनमें उनकी संतान को खूब बढ़ाना भी शामिल है। उनके वंश में से कुछ लोग अपने पालनहार की आज्ञा का पालन करके अच्छे काम करने वाले हैं, जबकि उनमें से कुछ लोग कुफ़्र और पाप करके अपने आप पर खुला अत्याचार करने वाले हैं। info
التفاسير:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• قوله: ﴿فَلَمَّآ أَسْلَمَا﴾ دليل على أن إبراهيم وإسماعيل عليهما السلام كانا في غاية التسليم لأمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला का फ़रमान : {فَلَمَّآ أَسْلَمَا} इस बात का प्रमाण है कि इबराहीम और इसमाईल अलैहिमस्सलाम अल्लाह के आदेश के प्रति अत्यंत समर्पित थे। info

• من مقاصد الشرع تحرير العباد من عبودية البشر.
• शरीयत का एक उद्देश्य लोगों को मानव दासता से आज़ाद कराना है। info

• الثناء الحسن والذكر الطيب من النعيم المعجل في الدنيا.
• अच्छी प्रशंसा और शुभ-चर्चा दुनिया में शीघ्र प्राप्त होने वाली नेमतों में से है। info