Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassara da harshan Hindi ta Taƙaitacce Tafsirin AlƘur'ani mai girma

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40 : 3

قَالَ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّقَدْ بَلَغَنِیَ الْكِبَرُ وَامْرَاَتِیْ عَاقِرٌ ؕ— قَالَ كَذٰلِكَ اللّٰهُ یَفْعَلُ مَا یَشَآءُ ۟

जब फरिश्तों ने ज़करिय्या को यह़्या की ख़ुशख़बरी दी, तो उन्होंने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे हाँ लड़का कैसे हो सकता है, जबकि मैं बूढ़ा हो चुका हूँ और मेरी पत्नी बाँझ है, उसके बच्चे नहीं होते?! तो अल्लाह ने उसे उत्तर देते हुए फरमाया : तुम्हारे बुढ़ापे और तुम्हारी पत्नी के बाँझपन के बावजूद, यह़या को पैदा करने का उदाहरण; अल्लाह के सामान्य नियम के विपरीत अन्य चीज़ों को पैदा करने की तरह है। क्योंकि अल्लाह हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है। वह अपनी हिकमत तथा ज्ञान के अनुसार जो चाहता है, करता है। info
التفاسير:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• عناية الله تعالى بأوليائه، فإنه سبحانه يجنبهم السوء، ويستجيب دعاءهم.
• अल्लाह का अपने 'औलिया' (प्रिय बंदों) की देखभाल करना। क्योंकि वह उन्हें बुराई से बचाता है और उनकी दुआ स्वीकार करता है। info

• فَضْل مريم عليها السلام حيث اختارها الله على نساء العالمين، وطهَّرها من النقائص، وجعلها مباركة.
• मरयम अलैहस्सलाम की श्रेष्ठता। क्योंकि अल्लाह ने उन्हें दुनिया की महिलाओं पर चुन लिया, तथा उन्हें कमियों से शुद्ध किया और उन्हें बरकत वाली बनाया। info

• كلما عظمت نعمة الله على العبد عَظُم ما يجب عليه من شكره عليها بالقنوت والركوع والسجود وسائر العبادات.
• बंदे पर अल्लाह की नेमत जितनी अधिक होती है, उसे नित्य आज्ञाकारिता, रुकू, सजदे और इबादत के अन्य कार्यों के साथ उतना ही अधिक शुक्रिया अदा करना चाहिए। info

• مشروعية القُرْعة عند الاختلاف فيما لا بَيِّنة عليه ولا قرينة تشير إليه.
• क़ुर'आ-अंदाज़ी की वैधता ऐसी चीज़ में विवाद के समय है, जिसका न कोई सबूत हो और न उसको संदर्भित करने के लिए कोई संकेत हो। info