Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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42 : 5

سَمّٰعُوْنَ لِلْكَذِبِ اَكّٰلُوْنَ لِلسُّحْتِ ؕ— فَاِنْ جَآءُوْكَ فَاحْكُمْ بَیْنَهُمْ اَوْ اَعْرِضْ عَنْهُمْ ۚ— وَاِنْ تُعْرِضْ عَنْهُمْ فَلَنْ یَّضُرُّوْكَ شَیْـًٔا ؕ— وَاِنْ حَكَمْتَ فَاحْكُمْ بَیْنَهُمْ بِالْقِسْطِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یُحِبُّ الْمُقْسِطِیْنَ ۟

ये यहूदी झूठी बातें बहुत सुनते हैं, सूद की तरह हराम धन बहुत खाते हैं। अतः यदि वे (ऐ रसूल!) आपके पास फ़ैसला करवाने के लिए आएँ, तो अगर आप चाहें, तो उनके बीच निर्णय कर दें, या अगर आप चाहें, तो उनके बीच फ़ैसला न करें। आपके पास दोनों के बीच एक विकल्प है। यदि आप उनके बीच फैसला न करें, तो वे आपको कुछ भी नुक़सान नहीं पहुँचा पाएँगे, और यदि आप उनके बीच निर्णय करें, तो उनके बीच न्याय के साथ निर्णय करें, भले ही वे अत्याचारी और दुश्मन हों। निःसंदेह अल्लाह ऐसे लोगों से प्रेम करता है, जो अपने फ़ैसले में न्याय करने वाले हैं, भले ही फ़ैसले के लिए आने वाले फ़ैसला करने वाले के दुश्मन हों। info
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43 : 5

وَكَیْفَ یُحَكِّمُوْنَكَ وَعِنْدَهُمُ التَّوْرٰىةُ فِیْهَا حُكْمُ اللّٰهِ ثُمَّ یَتَوَلَّوْنَ مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ ؕ— وَمَاۤ اُولٰٓىِٕكَ بِالْمُؤْمِنِیْنَ ۟۠

इन लोगों का मामला निश्चय आश्चर्यजनक है। वे आपपर विश्वास नहीं रखते हैं, फिर भी अपने मामले का फ़ैसला कराने के लिए आपके पास इस आशा में आते हैं कि आपका फ़ैसला उनकी इच्छाओं के अनुसार हो जाए। जबकि उनके पास तौरात है, जिसपर वे ईमान रखने का दावा करते हैं, जिसमें अल्लाह का आदेश (फ़ैसला) मौजूद है। फिर वे आपके फ़ैसले से मुँह मोड़ लेते हैं, यदि वह उनकी इच्छाओं से मेल नहीं खाता है। इस तरह उन्होंने अपनी किताब में मौजूद हुक्म का इनकार किया है और आपके फ़ैसले से मुँह फेरा है। इनका यह व्यवहार ईमान वालों का व्यवहार नहीं है। इसलिए वे आपपर और आपकी लाई हुई शरीयत पर ईमान रखने वाले नहीं हैं। info
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44 : 5

اِنَّاۤ اَنْزَلْنَا التَّوْرٰىةَ فِیْهَا هُدًی وَّنُوْرٌ ۚ— یَحْكُمُ بِهَا النَّبِیُّوْنَ الَّذِیْنَ اَسْلَمُوْا لِلَّذِیْنَ هَادُوْا وَالرَّبّٰنِیُّوْنَ وَالْاَحْبَارُ بِمَا اسْتُحْفِظُوْا مِنْ كِتٰبِ اللّٰهِ وَكَانُوْا عَلَیْهِ شُهَدَآءَ ۚ— فَلَا تَخْشَوُا النَّاسَ وَاخْشَوْنِ وَلَا تَشْتَرُوْا بِاٰیٰتِیْ ثَمَنًا قَلِیْلًا ؕ— وَمَنْ لَّمْ یَحْكُمْ بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْكٰفِرُوْنَ ۟

निःसंदेह हमने मूसा अलैहिस्सलाम पर तौरात उतारी, जिसमें भलाई का मार्गदर्शन और ऐसा प्रकाश है जिसके द्वारा रौशनी हासिल की जाती है। उसके अनुसार बनी इसराईल के वे नबी जो अल्लाह के आज्ञाकारी थे, फ़ैसला करते हैं। तथा उसी के अनुसार वे विद्वान और धर्मशास्त्री (फुक़हा) भी फ़ैसला करते हैं जो लोगों का प्रशिक्षण करते हैं, क्योंकि अल्लाह ने उन्हें अपनी पुस्तक का निरीक्षक और संरक्षक बनाया है, जो उसे विकृति और परिवर्तन से बचाते हैं। तथा वे इस बात के गवाह हैं कि यह पुस्तक सत्य है। और लोग इस (पुस्तक) से संबंधित मामले में उन्हीं की तरफ लौटते हैं। अतः (ऐ यहूदियो!) लोगों से न डरो, केवल मुझसे डरो। तथा अल्लाह की उतारी हुई किताब के अनुसार फ़ैसला करने की बजाय सरदारी, पद-प्रतिष्ठा या धन की एक छोटी सी क़ीमत न लो। और जो अल्लाह की उतारी हुई वह़्य के अनुसार फ़ैसला न करे, उसे हलाल (अनुमेय) समझते हुए, या उसके अलावा को उसपर वरीयता देते हुए, या उसे उसके साथ बराबर ठहराते हुए, तो वही लोग वास्तव में काफ़िर हैं। info
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45 : 5

وَكَتَبْنَا عَلَیْهِمْ فِیْهَاۤ اَنَّ النَّفْسَ بِالنَّفْسِ ۙ— وَالْعَیْنَ بِالْعَیْنِ وَالْاَنْفَ بِالْاَنْفِ وَالْاُذُنَ بِالْاُذُنِ وَالسِّنَّ بِالسِّنِّ ۙ— وَالْجُرُوْحَ قِصَاصٌ ؕ— فَمَنْ تَصَدَّقَ بِهٖ فَهُوَ كَفَّارَةٌ لَّهٗ ؕ— وَمَنْ لَّمْ یَحْكُمْ بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الظّٰلِمُوْنَ ۟

हमने तौरात में यहूदियों पर अनिवार्य कर दिया कि जो कोई जान-बूझकर किसी आत्मा को बिना हक़ के क़त्ल करेगा, तो वह उसके बदले में क़त्ल कर दिया जाएगा, और जो कोई जान-बूझकर आँख निकालेगा, उसकी आँख निकाल दी जाएगी, और जो कोई जान-बूझकर नाक काटेगा, उसकी नाक काट दी जाएगी, और जो कोई जान-बूझकर कान काटेगा, उसका कान काट दिया जाएगा, और जो कोई जान-बूझकर दाँत निकालेगा, उसका दाँत निकाल निकाल दिया जाएगा। और हमने उनपर यह भी अनिवार्य कर दिया कि घावों के मामले में अपराधी को उसके अपराध के समान ही दंडित किया जाएगा। तथा जो कोई भी स्वेच्छा से अपराधी को क्षमा कर दे, तो उसकी क्षमा उसके पापों का प्रायश्चित है; क्योंकि उसने उस व्यक्ति को क्षमा कर दिया, जिसने उसपर अत्याचार किया है। और जो उसके अनुसार फ़ैसला न करे जौ अल्लाह ने 'क़िसास' के बारे में तथा उसके अलावा चीज़ों के बारे में उतारा है, तो वह अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वाला है। info
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Beneficios de los versículos de esta página:
• تعداد بعض صفات اليهود، مثل الكذب وأكل الربا ومحبة التحاكم لغير الشرع؛ لبيان ضلالهم وللتحذير منها.
• यहूदियों की कुछ विशेषताओं को गिनवाना, जैसे झूठ बोलना, सूदखोरी करना और अल्लाह की शरीयत के अलावा से फ़ैसला कराने को पसंद करना; ताकि उनकी गुमराही को स्पष्ट किया जाए और उनसे सावधान किया जाए। info

• بيان شرعة القصاص العادل في الأنفس والجراحات، وهي أمر فرضه الله تعالى على من قبلنا.
• प्राणों तथा घावों के संबंध में न्यायपूर्ण क़िसास (बदले) के क़ानून का वर्णन, जिसे अल्लाह तआला ने हमसे पहले के लोगों पर फ़र्ज़ किया था। info

• الحث على فضيلة العفو عن القصاص، وبيان أجرها العظيم المتمثّل في تكفير الذنوب.
• क़िसास को क्षमा कर देने के गुण के लिए प्रोत्साहित करना, और उसके महान प्रतिफल का बयान, जो कि पापों का प्रायश्चित है। info

• الترهيب من الحكم بغير ما أنزل الله في شأن القصاص وغيره.
• 'क़िसास' तथा अन्य मामलों में अल्लाह की उतारी हुए शरीयत के अलावा के साथ फ़ैसला करने से सावधान करना। info