Qurani Kərimin mənaca tərcüməsi - Hind dilinə tərcümə - Əziz əl-Haqq əl-Öməri.

external-link copy
81 : 9

فَرِحَ الْمُخَلَّفُوْنَ بِمَقْعَدِهِمْ خِلٰفَ رَسُوْلِ اللّٰهِ وَكَرِهُوْۤا اَنْ یُّجَاهِدُوْا بِاَمْوَالِهِمْ وَاَنْفُسِهِمْ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَقَالُوْا لَا تَنْفِرُوْا فِی الْحَرِّ ؕ— قُلْ نَارُ جَهَنَّمَ اَشَدُّ حَرًّا ؕ— لَوْ كَانُوْا یَفْقَهُوْنَ ۟

वे लोग जो पीछे छोड़ दिए[40] गए, अल्लाह के रसूल के पीछे अपने बैठ रहने पर खुश हो गए और उन्होंने नापसंद किया कि अपने धनों और अपने प्राणों के साथ अल्लाह के मार्ग में जिहाद करें और उन्होंने (अन्य लोगों से) कहा कि गर्मी में मत निकलो। आप कह दें : जहन्नम की आग कहीं अधिक गर्म है। काश! वे समझते होते। info

40. अर्थात मुनाफ़िक़ जो मदीना में रह गए और तबूक के युद्ध में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ नहीं गए।

التفاسير: