Qurani Kərimin mənaca tərcüməsi - Hind dilinə tərcümə - Əziz əl-Haqq əl-Öməri.

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12 : 5

وَلَقَدْ اَخَذَ اللّٰهُ مِیْثَاقَ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۚ— وَبَعَثْنَا مِنْهُمُ اثْنَیْ عَشَرَ نَقِیْبًا ؕ— وَقَالَ اللّٰهُ اِنِّیْ مَعَكُمْ ؕ— لَىِٕنْ اَقَمْتُمُ الصَّلٰوةَ وَاٰتَیْتُمُ الزَّكٰوةَ وَاٰمَنْتُمْ بِرُسُلِیْ وَعَزَّرْتُمُوْهُمْ وَاَقْرَضْتُمُ اللّٰهَ قَرْضًا حَسَنًا لَّاُكَفِّرَنَّ عَنْكُمْ سَیِّاٰتِكُمْ وَلَاُدْخِلَنَّكُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۚ— فَمَنْ كَفَرَ بَعْدَ ذٰلِكَ مِنْكُمْ فَقَدْ ضَلَّ سَوَآءَ السَّبِیْلِ ۟

तथा निःसंदेह अल्लाह ने बनी इसराईल से दृढ़ वचन लिया और हमने उनमें से बारह प्रमुख नियुक्त किए। तथा अल्लाह ने फरमाया : निःसंदेह मैं तुम्हारे साथ हूँ, यदि तुमने नमाज़ क़ायम की और ज़कात अदा की और मेरे रसूलों पर ईमान लाए और उनका समर्थन किया तथा अल्लाह को अच्छा क़र्ज़[15] दिया। तो निश्चय मैं तुमसे तुम्हारे पाप अवश्य क्षमा कर दूँगा और निश्चय तुम्हें ऐसे बाग़ों में अवश्य दाख़िल करूँगा, जिनके नीचे से नहरें बहती हैं। फिर जिसने इसके बाद तुममें से कुफ़्र किया, तो निश्चय वह सीधे रास्ते से भटक गया। info

15. अल्लाह को क़र्ज़ देने का अर्थ उसके लिए दान करना है। इस आयत में ईमान वालों को सावधान किया गया है कि तुम अह्ले किताब : यहूद और नसारा जैसे न हो जाना जो अल्लाह के वचन को भंग करके उसकी धिक्कार के अधिकारी बन गए। (इब्ने कसीर)

التفاسير: