Qurani Kərimin mənaca tərcüməsi - Hind dilinə tərcümə - Əziz əl-Haqq əl-Öməri.

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5 : 13

وَاِنْ تَعْجَبْ فَعَجَبٌ قَوْلُهُمْ ءَاِذَا كُنَّا تُرٰبًا ءَاِنَّا لَفِیْ خَلْقٍ جَدِیْدٍ ؕ۬— اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِرَبِّهِمْ ۚ— وَاُولٰٓىِٕكَ الْاَغْلٰلُ فِیْۤ اَعْنَاقِهِمْ ۚ— وَاُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟

तथा यदि आप आश्चर्य करते हैं, तो उनका यह कहना[1] बुत आश्चर्यपूर्ण है कि क्या जब हम मिट्टी हो जाएँगे, तो क्या वास्तव में हम निश्चय एक नया जीवन पाएँगे। यही लोग हैं जिन्होंने अपने पालनहार के साथ कुफ़्र किया, तथा यही हैं जिनकी गर्दनों में तौक़ होंगे और यही नरक वाले हैं, वे उसमें सदैव रहने वाले हैं। info

1. क्योंकि कि वे जानते हैं कि बीज धरती में सड़ कर मिल जाता है, फिर उससे पौधा उगता है।

التفاسير: