ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم

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179 : 7

وَلَقَدْ ذَرَاْنَا لِجَهَنَّمَ كَثِیْرًا مِّنَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ ۖؗ— لَهُمْ قُلُوْبٌ لَّا یَفْقَهُوْنَ بِهَا ؗ— وَلَهُمْ اَعْیُنٌ لَّا یُبْصِرُوْنَ بِهَا ؗ— وَلَهُمْ اٰذَانٌ لَّا یَسْمَعُوْنَ بِهَا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ كَالْاَنْعَامِ بَلْ هُمْ اَضَلُّ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْغٰفِلُوْنَ ۟

और हमने बहुत-से जिन्नों और इनसानों को जहन्नम के लिए पैदा किए हैं; क्योंकि हम जानते हैं कि वे जहन्नम वालों का काम करेंगे। उनके पास दिल हैं जिनके साथ वे अपने लाभ एवं नुक़सान को नहीं समझते, उनकी आँखें हैं जिनके साथ वे आत्माओं और क्षितिज में अल्लाह की निशानियाँ नहीं देखते कि उनसे शिक्षा ग्रहण करते, और उनके पास कान हैं, जिनसे वे अल्लाह की आयतों को नहीं सुनते कि वे उसमें जो कुछ है उसपर चिंतन करते। जो लोग इन गुणों से विशेषित हैं, वे बुद्धिहीन होने में जानवरों की तरह हैं, बल्कि वे जानवरों की तुलना में अधिक गुमराह हैं। यही लोग हैं जो अल्लाह और आख़िरत के दिन पर ईमान लाने से ग़फ़लत में पड़े हुए हैं। info
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180 : 7

وَلِلّٰهِ الْاَسْمَآءُ الْحُسْنٰی فَادْعُوْهُ بِهَا ۪— وَذَرُوا الَّذِیْنَ یُلْحِدُوْنَ فِیْۤ اَسْمَآىِٕهٖ ؕ— سَیُجْزَوْنَ مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟

सबसे अच्छे नाम अल्लाह ही के हैं, जो उसकी महिमा और पूर्णता को इंगित करते हैं। अतः अल्लाह से कुछ माँगते समय उनको वसीला बनाओ और उनके ज़रिए अल्लाह की प्रशंसा करो, और उन लोगों को छोड़ दो, जो इन नामों के मामले में सही रास्ते से हट जाते हैं, इस प्रकार कि उन्हें अल्लाह के अलावा के लिए ठहरा देते हैं, या अल्लाह से उनको अलग कर देते हैं, या उनके अर्थ को विकृत करते हैं, या अल्लाह के अलावा को उनके समान (सदृश्य) ठहराते हैं। हम इन नामों के विषय में सही रास्ते से हटने वालों को जल्द ही उनके कर्मों के कारण दर्दनाक यातना देंगे। info
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181 : 7

وَمِمَّنْ خَلَقْنَاۤ اُمَّةٌ یَّهْدُوْنَ بِالْحَقِّ وَبِهٖ یَعْدِلُوْنَ ۟۠

और जिन लोगों को हमने पैदा किया, उनके अंदर कुछ लोग ऐसे हैं, जो खुद सत्य पर क़ायम रहते हैं और दूसरों को उसकी ओर आमंत्रित करते हैं, चुनाँचे वे भी सही रास्ते पर आ जाते हैं, और वे उसी के अनुसार न्याय के साथ निर्णय करते हैं। अतः वे अन्याय नहीं करते हैं। info
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182 : 7

وَالَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا سَنَسْتَدْرِجُهُمْ مِّنْ حَیْثُ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟ۚ

और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठला दिया और उनपर ईमान नहीं लाए, बल्कि उनका इनकार कर दिया, हम उनके लिए आजीविका के दरवाज़े खोल देंगे। लेकिन यह उनके सम्मान के तौर पर नहीं होगा, बल्कि उन्हें ढील देने के लिए होगा; ताकि वे जिस गुमराही में लिप्त हैं उसी में पड़े रहें। फिर हामरी यातना अचानक उन्हें अपनी पकड़ में ले ले। info
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183 : 7

وَاُمْلِیْ لَهُمْ ؕ— اِنَّ كَیْدِیْ مَتِیْنٌ ۟

और मैं उनकी सज़ा को टालता रहूँगा, यहाँ तक कि वे समझने लगेंगे कि उनपर यातना नहीं आने वाली। परिणामस्वरूप वे अपने कुफ़्र और झुठलाने का क्रम जारी रखेंगे, यहाँ तक कि उनपर यातना कई गुना कर दी जाएगी। निश्चय मेरा उपाय बड़ा मज़बूत है। चुनाँचे मैं उनके लिए उपकार ज़ाहिर करता हूँ, लेकिन मैं उनकी विफलता चाहता हूँ। info
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184 : 7

اَوَلَمْ یَتَفَكَّرُوْا ٚ— مَا بِصَاحِبِهِمْ مِّنْ جِنَّةٍ ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟

और क्या अल्लाह की आयतों और उसके रसूल को झुठलाने वाले इन लोगों ने अपनी बुद्धि को काम में लाते हुए ग़ौर नहीं किया कि उनके लिए यह स्पष्ट हो जाता कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पागल नहीं हैं। वह तो केवल अल्लाह के रसूल हैं, जिन्हें अल्लाह ने अपनी यातना से खुले रूप से सावधान करने के लिए भेजा है। info
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185 : 7

اَوَلَمْ یَنْظُرُوْا فِیْ مَلَكُوْتِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا خَلَقَ اللّٰهُ مِنْ شَیْءٍ ۙ— وَّاَنْ عَسٰۤی اَنْ یَّكُوْنَ قَدِ اقْتَرَبَ اَجَلُهُمْ ۚ— فَبِاَیِّ حَدِیْثٍ بَعْدَهٗ یُؤْمِنُوْنَ ۟

क्या इन लोगों ने आकाशों तथा धरती में अल्लाह के राज्य को शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से नहीं देखा? और उन दोनों के अंदर अल्लाह ने जो जीव और निर्जीव चीज़ें पैदा की हैं, उनपर निगाह नहीं डाली? और अपने निर्धारित समय (आयु) पर ग़ौर नहीं किया, जिसका अंत हो सकता है बहुत निकट हो, इसलिए समय निकलने से पहले तौबा कर लेते? जब वे क़ुरआन और उसके वादों और धमकियों पर ईमान नहीं लाए, तो उसके अलावा किस किताब पर ईमान लाएँगे? info
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186 : 7

مَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَلَا هَادِیَ لَهٗ ؕ— وَیَذَرُهُمْ فِیْ طُغْیَانِهِمْ یَعْمَهُوْنَ ۟

जिसे अल्लाह सत्य की ओर हिदायत से विफल कर दे और उसे सीधे रास्ते से भटका दे, तो उसके लिए कोई मार्गदर्शक नहीं है, जो उसकी ओर उसका मार्गदर्शन कर सके।और अल्लाह उन्हें उनकी गुमराही और कुफ़्र में छोड़ देता है कि वे भटकते फिरते हैं, उन्हें कोई रास्ता सुझाई नहीं देता। info
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187 : 7

یَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ السَّاعَةِ اَیَّانَ مُرْسٰىهَا ؕ— قُلْ اِنَّمَا عِلْمُهَا عِنْدَ رَبِّیْ ۚ— لَا یُجَلِّیْهَا لِوَقْتِهَاۤ اِلَّا هُوَ ؔؕۘ— ثَقُلَتْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— لَا تَاْتِیْكُمْ اِلَّا بَغْتَةً ؕ— یَسْـَٔلُوْنَكَ كَاَنَّكَ حَفِیٌّ عَنْهَا ؕ— قُلْ اِنَّمَا عِلْمُهَا عِنْدَ اللّٰهِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟

(ऐ नबी!) ये हठी झुठलाने वाले आपसे क़ियामत के बारे में पूछते हैं कि वह किस समय घटित होगी और उसका सटीक ज्ञान कब होगा? आप कह दें कि उसका ज्ञान न तो मेरे पास है और न मेरे अलावा किसी और के पास है। उसकी जानकारी केवल अल्लाह के पास है। उसे उसके निर्धारित समय पर केवल अल्लाह ही प्रकट करेगा। उसके प्रकट होने का मामला आकाश वालों तथा धरती वालों से छिपा है। वह तुम्हारे पास अचानक ही आएगी। वे आपसे क़ियामत के बारे में ऐसे पूछ रहे हैं, जैसे कि आप उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। हालाँकि उन्हें यह पता ही नहीं कि आप अपने रब से पूरी तरह अवगत होने के कारण उससे क़ियामत के बारे में नहीं पूछते हैं। (ऐ मुहम्मद!) उनसे कह दें कि क़ियामत की जानकारी केवल अल्लाह ही के पास है, लेकिन अधिकतर लोग इस बात से अवगत नहीं हैं। info
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من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• خلق الله للبشر آلات الإدراك والعلم - القلوب والأعين والآذان - لتحصيل المنافع ودفع المضار.
• अल्लाह ने मनुष्यों के लिए बोध और ज्ञान के साधन - दिल, आँख और कान - लाभ प्राप्त करने और नुक़सान को दूर करने के लिए बनाए हैं। info

• الدعاء بأسماء الله الحسنى سبب في إجابة الدعاء، فيُدْعَى في كل مطلوب بما يناسب ذلك المطلوب، مثل: اللهمَّ تب عَلَيَّ يا تواب.
• अल्लाह के अच्छे-अच्छे नामों के द्वारा दुआ करना, दुआ के क़बूल होने का कारण है। अतः कोई भी चीज़ माँगते समय अल्लाह को उसके उसी नाम से पुकारना चाहिए, जो उससे मेल खाए। जैसे "ऐ तौबा क़बूल करने वाले अल्लाह! मेरी तौबा कबूल फ़रमा।" info

• التفكر في عظمة السماوات والأرض، والتوصل بهذا التفكر إلى أن الله تعالى هو المستحق للألوهية دون غيره؛ لأنه المنفرد بالصنع.
• आकाशों और धरती की महानता पर ग़ौर करना और इस ग़ौर व फ़िक्र के माध्यम से इस नतीजे पर पहुँचना कि एकमात्र अल्लाह ही इबादत का हक़दार है; क्योंकि एकमात्र वही सृष्टिकर्ता है। info