ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم

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121 : 7

قَالُوْۤا اٰمَنَّا بِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ

जादूगरों ने कहा : हम सारी सृष्टि के पालनहार पर ईमान लाए। info
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122 : 7

رَبِّ مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟

मूसा तथा हारून अलैहिमस्सलाम के पालनहार पर, क्योंकि वही उपासना का हक़दार है। उसके सिवा अन्य तथाकथित पूज्य उपासना के हक़दार नहीं हैं। info
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123 : 7

قَالَ فِرْعَوْنُ اٰمَنْتُمْ بِهٖ قَبْلَ اَنْ اٰذَنَ لَكُمْ ۚ— اِنَّ هٰذَا لَمَكْرٌ مَّكَرْتُمُوْهُ فِی الْمَدِیْنَةِ لِتُخْرِجُوْا مِنْهَاۤ اَهْلَهَا ۚ— فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۟

जब वे एक अल्लाह पर ईमान ले आए, तो फ़िरऔन ने उन्हें धमकी देते हुए कहा : मेरी अनुमति से पहले ही तुमने मूसा को सच्चा मान लिया? निश्चय तुम्हारा मूसा पर ईमान लाना और उसके लाए हुए धर्म को सत्य मानना एक धोखा और साज़िश है, जो तुमने और मूसा ने इस नगर के निवासियों को यहाँ से निकालने के लिए रची है। तो (ऐ जादूगरो!) तुम्हें शीघ्र ही पता चल जाएगा कि तुम्हें कैसी सज़ा और यातना का सामना करना पड़ता है। info
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124 : 7

لَاُقَطِّعَنَّ اَیْدِیَكُمْ وَاَرْجُلَكُمْ مِّنْ خِلَافٍ ثُمَّ لَاُصَلِّبَنَّكُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟

मैं अवश्य तुममें से प्रत्येक व्यक्ति का दाहिना हाथ और बायाँ पैर, या उसका बायाँ हाथ और दाहिना पैर काट दूँगा। फिर मैं तुम सभी को खजूर के पेड़ के तने पर लटका दूँगा। ऐसा तुम्हें भयंकर सज़ा देने और इस स्थिति में तुम्हें देखने वाले सभी लोगों को डराने के लिए किया जाएगा। info
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125 : 7

قَالُوْۤا اِنَّاۤ اِلٰی رَبِّنَا مُنْقَلِبُوْنَ ۟ۚ

जादूगरों ने फिरऔन की धमकी के जवाब में कहा : निश्चय हम अकेले अपने पालनहार ही की ओर लौटने वाले हैं। इसलिए हमें तुम्हारी धमकी की परवाह नहीं है। info
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126 : 7

وَمَا تَنْقِمُ مِنَّاۤ اِلَّاۤ اَنْ اٰمَنَّا بِاٰیٰتِ رَبِّنَا لَمَّا جَآءَتْنَا ؕ— رَبَّنَاۤ اَفْرِغْ عَلَیْنَا صَبْرًا وَّتَوَفَّنَا مُسْلِمِیْنَ ۟۠

और तुम्हारे निकट (ऐ फिरऔन!) हमारा दोष केवल यह है कि हमने अपने रब की निशानियों को सत्य मान लिया, जब वे मूसा अलैहिसल्लाम के हाथ पर हमारे पास आईं। यदि यह कोई दोष दिया जाने वाला पाप है, तो यह हमारा पाप है। फिर वे विनयपूर्वक अपने रब से दुआ करने लगे : ऐ हमारे पालनहार! हमपर धैर्य उड़ेल दे, ताकि हम सत्य पर अडिग रहें। तथा हमें इस हाल में मौत दे कि हम तेरे प्रति समर्पित हों, तेरे आदेश का पालन करने वाले तथा तेरे रसूल का अनुसरण करने वाले हों। info
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127 : 7

وَقَالَ الْمَلَاُ مِنْ قَوْمِ فِرْعَوْنَ اَتَذَرُ مُوْسٰی وَقَوْمَهٗ لِیُفْسِدُوْا فِی الْاَرْضِ وَیَذَرَكَ وَاٰلِهَتَكَ ؕ— قَالَ سَنُقَتِّلُ اَبْنَآءَهُمْ وَنَسْتَحْیٖ نِسَآءَهُمْ ۚ— وَاِنَّا فَوْقَهُمْ قٰهِرُوْنَ ۟

फ़िरऔन की जाति के प्रमुखों और बड़े लोगों ने, उसे मूसा तथा उनके साथ मोमिनों के खिलाफ भड़काते हुए कहा : क्या (ऐ फ़िरऔन!) तुम मूसा और उसकी जाति को छोड़े रखोगे कि वे देश में बिगाड़ फैलाएँ, तथा वे तुमसे और तुम्हारे पूज्यों से किनारा कर लें और (लोगों को) अकेले अल्लाह की इबादत की ओर बुलाएँ?! फ़िरऔन ने कहा : हम बनी इसराईल के बेटों को मार डालेंगे, और उनकी स्त्रियों को सेवा करने के लिए बाक़ी रखेंगे। और निश्चय हमें उनपर ज़ोर, ग़लबा और प्रभुत्व प्राप्त है। info
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128 : 7

قَالَ مُوْسٰی لِقَوْمِهِ اسْتَعِیْنُوْا بِاللّٰهِ وَاصْبِرُوْا ۚ— اِنَّ الْاَرْضَ لِلّٰهِ ۙ۫— یُوْرِثُهَا مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ ؕ— وَالْعَاقِبَةُ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟

मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति के लोगों को वसीयत करते हुए कहा : ऐ लोगों! केवल एक अल्लाह से सहायता माँगो कि वह तुम्हारी मुसीबत दूर कर दे तथा तुम्हें लाभ पहुँचाए, और जिस आज़माइश से तुम पीड़ित हो, उसपर धैर्य रखो। क्योंकि यह धरती अकेले अल्लाह की है। फ़िरऔन या उसके सिवा किसी और की नहीं कि वह उसमें जो चाहे, करता फिरे। अल्लाह अपनी इच्छा अनुसार लोगों को बारी-बारी उसमें अवसर देता रहता है। लेकिन धरती पर अच्छा परिणाम केवल उन ईमान वालों के लिए है, जो अपने पालनहार के आदेशों का पालन करते हैं और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हैं। अंततः यह उन्हीं के लिए है, यद्यपि उन्हें कुछ आज़माइशों और परीक्षाओं से गुज़रना पड़े। info
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129 : 7

قَالُوْۤا اُوْذِیْنَا مِنْ قَبْلِ اَنْ تَاْتِیَنَا وَمِنْ بَعْدِ مَا جِئْتَنَا ؕ— قَالَ عَسٰی رَبُّكُمْ اَنْ یُّهْلِكَ عَدُوَّكُمْ وَیَسْتَخْلِفَكُمْ فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرَ كَیْفَ تَعْمَلُوْنَ ۟۠

मूसा अलैहिस्सलाम की जाति बनी इसराईल ने उनसे कहा : हम तुम्हारे आने से पहले भी फ़िरऔन के हाथों सताए गए। वह हमारे पुत्रों को मार देता और हमारी स्त्रियों को जीवित रहने देता था। और तुम्हारे आने के पश्चात् भी सताए जा रहे हैं! मूसा अलैहिस्सलाम ने उन्हें समझाते हुए और मुसीबत से छुटकारे की खुशख़बरी देते हुए कहा : निकट है कि तुम्हारा पालनहार तुम्हारे शत्रु फिरऔन तथा उसकी जाति को विनष्ट कर दे और उनके बाद धरती में तुम्हारा आधिपत्य क़ायम कर दे, और फिर देखे कि तुम उसके बाद क्या करते हो, शुक्र या नाशुक्री? info
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130 : 7

وَلَقَدْ اَخَذْنَاۤ اٰلَ فِرْعَوْنَ بِالسِّنِیْنَ وَنَقْصٍ مِّنَ الثَّمَرٰتِ لَعَلَّهُمْ یَذَّكَّرُوْنَ ۟

हमने फ़िरऔन की जाति को सूखे और अकाल से दंडित किया, तथा हमने उनका धरती के फलों और उसकी पैदावार की कमी के साथ परीक्षण किया। इस आशा में कि वे सीख और उपदेश ग्रहण करें कि उनके साथ यह जो कुछ घटित हुआ है, वह उनके कुफ़्र की सज़ा के तौर पर है, इसलिए वे अल्लाह के सामने तौबा कर लें। info
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من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• موقف السّحرة وإعلان إيمانهم بجرأة وصراحة يدلّ على أنّ الإنسان إذا تجرّد عن هواه، وأذعن للعقل والفكر السّليم بادر إلى الإيمان عند ظهور الأدلّة عليه.
• जादूगरों का रवैया और उनका साहसपूर्वक और स्पष्ट रूप से अपने ईमान का ऐलान करना इस बात को इंगित करता है कि यदि इनसान अपने मन की इच्छा से ऊपर उठकर अपने विवेक और सही सोच-विचार से काम ले, तो वह प्रमाण प्रकट होने पर ईमान लाने में पहल करेगा। info

• أهل الإيمان بالله واليوم الآخر هم أشدّ الناس حزمًا، وأكثرهم شجاعة وصبرًا في أوقات الأزمات والمحن والحروب.
• अल्लाह तथा आखिरत पर ईमान रखने वाले लोग सबसे दृढ़ लोग हैं, तथा संकटों, कठिनाइयों और युद्धों के समय सबसे साहसी और धैर्यवान् हैं। info

• المنتفعون من السّلطة يُحرِّضون ويُهيِّجون السلطان لمواجهة أهل الإيمان؛ لأن في بقاء السلطان بقاء لمصالحهم.
• सत्ता से लाभ उठाने वाले लोग, शासक को ईमान वालों का सामना करने के लिए उत्तेजित करते हैं। क्योंकि शासक के अस्तित्व में, उनके हितों का अस्तित्व है। info

• من أسباب حبس الأمطار وغلاء الأسعار: الظلم والفساد.
• बारिश न होने और महँगाई बढ़ने के कारणों में : अन्याय और भ्रष्टाचार भी शामिल हैं। info