Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Қуръон Карим мухтасар тафсирининг ҳиндча таржимаси

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28 : 67

قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ اَهْلَكَنِیَ اللّٰهُ وَمَنْ مَّعِیَ اَوْ رَحِمَنَا ۙ— فَمَنْ یُّجِیْرُ الْكٰفِرِیْنَ مِنْ عَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟

(ऐ रसूल!) आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से उनका खंडन करते हुए कह दें : मुझे बताओ कि अगर अल्लाह मुझे मौत दे दे और मेरे साथ जो मोमिन हैं उन्हें भी मृत्यु दे दे, या हम पर दया करे और हमारी मृत्यु को विलंब कर दे, तो काफ़िरों को दर्दनाक यातना से कौन बचाएगा?! निश्चय उन्हें इससे कोई नहीं बचाएगा। info
التفاسير:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• اتصاف الرسول صلى الله عليه وسلم بأخلاق القرآن.
• रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का क़ुरआन के आचरण से सुसज्जित होना। info

• صفات الكفار صفات ذميمة يجب على المؤمن الابتعاد عنها، وعن طاعة أهلها.
• काफ़िरों की विशेषताएँ निंदनीय हैं, ईमान वाले को चाहिए कि उनसे और उन विशेषताओं वालों का पालन करने से दूर रहे। info

• من أكثر الحلف هان على الرحمن، ونزلت مرتبته عند الناس.
• जो ज़्यादा क़समें खाएगा, 'रहमान' की नज़र में गिर जाएगा और लोगों के निकट उसका रुतबा घट जाएगा। info