Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Қуръон Карим мухтасар тафсирининг ҳиндча таржимаси

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36 : 3

فَلَمَّا وَضَعَتْهَا قَالَتْ رَبِّ اِنِّیْ وَضَعْتُهَاۤ اُ ؕ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا وَضَعَتْ ؕ— وَلَیْسَ الذَّكَرُ كَالْاُ ۚ— وَاِنِّیْ سَمَّیْتُهَا مَرْیَمَ وَاِنِّیْۤ اُعِیْذُهَا بِكَ وَذُرِّیَّتَهَا مِنَ الشَّیْطٰنِ الرَّجِیْمِ ۟

फिर जब उनका गर्भ पूरा हो गया, तो उन्होंने उसे जन दिया जो उनके पेट में था और (वह उम्मीद कर रही थीं कि गर्भ पुरुष होगा, इसलिए) क्षमा चाहते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! यह तो मैंने बच्ची जनी है! और अल्लाह ज़्यादा जानने वाला है जो उन्होंने जना, और वह लड़का जिसकी वह आशा कर रही थीं, शक्ति और संरचना में उस लड़की के समान नहीं, जो उन्हें दी गई थी। तथा मैंने उसका नाम मरयम रखा है और मैंने उसे और उसकी संतान को तेरी दया से निष्कासित शैतान से तेरे संरक्षण में दे दिया है। info
التفاسير:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• عظم مقام الله وشدة عقوبته تجعل العاقل على حذر من مخالفة أمره تعالى.
• अल्लाह के पद की महानता और उसकी यातना की गंभीरता एक बुद्धिमान व्यक्ति को उसके आदेश का उल्लंघन करने से सावधान रखती है। info

• برهان المحبة الحقة لله ولرسوله باتباع الشرع أمرًا ونهيًا، وأما دعوى المحبة بلا اتباع فلا تنفع صاحبها.
• अल्लाह और उसके रसूल से सच्चे प्रेम का प्रमाण शरीयत के आदेश और निषेध का अनुपालन करना है। जहाँ तक अनुपालन के बिना प्रेम के दावे की बात है, तो इससे आदमी को कोई लाभ नहीं होगा। info

• أن الله تعالى يختار من يشاء من عباده ويصطفيهم للنبوة والعبادة بحكمته ورحمته، وقد يخصهم بآيات خارقة للعادة.
• अल्लाह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, अपनी हिकमत और दया से नुबुव्वत और इबादत के लिए पसंद कर लेता और चुन लेता है। तथा कभी-कभी उन्हें कुछ ख़ारिक़-ए-'आदात निशानियों (करामतों) के साथ विशिष्ट कर देता है। info