Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Қуръон Карим мухтасар тафсирининг ҳиндча таржимаси

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76 : 2

وَاِذَا لَقُوا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا قَالُوْۤا اٰمَنَّا ۖۚ— وَاِذَا خَلَا بَعْضُهُمْ اِلٰی بَعْضٍ قَالُوْۤا اَتُحَدِّثُوْنَهُمْ بِمَا فَتَحَ اللّٰهُ عَلَیْكُمْ لِیُحَآجُّوْكُمْ بِهٖ عِنْدَ رَبِّكُمْ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟

यहूदियों के विरोधाभासों और छल में से यह (भी) है कि जब वे कुछ मोमिनों से मिलते हैं, तो उनके सामने पैग़ंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सत्यता और आपके संदेश की शुद्धता को स्वीकार करते हैं, जिसकी स्वयं तौरात भी गवाही देता है। लेकिन जब यहूदी एक-दूसरे के साथ अकेले होते हैं, तो वे इन स्वीकारोक्तियों के कारण एक-दूसरे को दोष देते हैं; क्योंकि मुसलमान उनकी पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सच्चाई की स्वीकृति को उनके खिलाफ सबूत बनाते हैं। info
التفاسير:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• أن بعض قلوب العباد أشد قسوة من الحجارة الصلبة؛ فلا تلين لموعظة، ولا تَرِقُّ لذكرى.
• कुछ लोगों के दिल सख़्त पत्थर से भी ज़्यादा कठोर होते हैं; जो न किसी उपदेश से नर्म पड़ते हैं और न किसी नसीहत से प्रभावित होते हैं। info

• أن الدلائل والبينات - وإن عظمت - لا تنفع إن لم يكن القلب مستسلمًا خاشعًا لله.
• तर्क और निशानियाँ - भले ही बहुत बड़ी हों - किसी काम की नहीं हैं अगर दिल अल्लाह के अधीन और विनम्र नहीं है। info

• كشفت الآيات حقيقة ما انطوت عليه أنفس اليهود، حيث توارثوا الرعونة والخداع والتلاعب بالدين.
• इन आयतों ने यहूदियों के मन में जो कुछ भी था, उसकी वास्तविकता को प्रकट कर दिया है। क्योंकि तुच्छता (ओछापन), छल करना और धर्म के साथ खिलवाड़ करना उन्हें विरासत में मिला है। info