قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ - عزیز الحق عمری

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18 : 42

یَسْتَعْجِلُ بِهَا الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِهَا ۚ— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مُشْفِقُوْنَ مِنْهَا ۙ— وَیَعْلَمُوْنَ اَنَّهَا الْحَقُّ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ الَّذِیْنَ یُمَارُوْنَ فِی السَّاعَةِ لَفِیْ ضَلٰلٍۢ بَعِیْدٍ ۟

उसे वे लोग शीघ्र माँगते हैं, जो उसपर ईमान नहीं रखते, तथा वे लोग जो उसपर विश्वास रखते हैं, वे उससे डरने वाले हैं और जानते हैं कि निःसंदेह वह सत्य है। सुनो! निःसंदेह जो लोग क़ियामत के विषय में बहस (संदेह) करते हैं, निश्चय वे बहुत दूर की गुमराही में हैं। info
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