قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ - عزیز الحق عمری

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9 : 39

اَمَّنْ هُوَ قَانِتٌ اٰنَآءَ الَّیْلِ سَاجِدًا وَّقَآىِٕمًا یَّحْذَرُ الْاٰخِرَةَ وَیَرْجُوْا رَحْمَةَ رَبِّهٖ ؕ— قُلْ هَلْ یَسْتَوِی الَّذِیْنَ یَعْلَمُوْنَ وَالَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ؕ— اِنَّمَا یَتَذَكَّرُ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟۠

(क्या यह बेहतर) या वह व्यक्ति जो रात की घड़ियों में सजदा करते हुए तथा क़ियाम करते हुए इबादत करने वाला है। आख़िरत का भय रखता है तथा अपने पालनहार की दया की आशा रखता है? आप कह दें कि क्या समान हैं वे लोग जो ज्ञान रखते हों तथा वे जो ज्ञान नहीं रखते? उपदेश तो वही ग्रहण करते हैं, जो बुद्धि वाले हैं। info
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