قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ - عزیز الحق عمری

ताहा

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1 : 20

طٰهٰ ۟

ता, हा। info
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2 : 20

مَاۤ اَنْزَلْنَا عَلَیْكَ الْقُرْاٰنَ لِتَشْقٰۤی ۟ۙ

हमने आपपर यह क़ुरआन इसलिए नहीं अवतरित किया कि आप कष्ट में पड़ जाएँ।[1] info

1. अर्थात विरोधियों के ईमान न लाने पर।

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3 : 20

اِلَّا تَذْكِرَةً لِّمَنْ یَّخْشٰی ۟ۙ

परंतु उसकी याददहानी (नसीहत) के लिए, जो डरता[2] है। info

2. अर्थात ईमान न लाने तथा कुकर्मों के दुष्परिणाम से।

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4 : 20

تَنْزِیْلًا مِّمَّنْ خَلَقَ الْاَرْضَ وَالسَّمٰوٰتِ الْعُلٰی ۟ؕ

उसकी ओर से उतारा हुआ है, जिसने पृथ्वी और ऊँचे आकाशों को बनाया।। info
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5 : 20

اَلرَّحْمٰنُ عَلَی الْعَرْشِ اسْتَوٰی ۟

वह रहमान (अत्यंत दयावान् अल्लाह) अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ। info
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6 : 20

لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا وَمَا تَحْتَ الثَّرٰی ۟

उसी का[3] है, जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है और जो उन दोनों के बीच है तथा जो गीली मिट्टी के नीचे है। info

3. अर्थात उसी के स्वामित्व में तथा उसी के अधीन है।

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7 : 20

وَاِنْ تَجْهَرْ بِالْقَوْلِ فَاِنَّهٗ یَعْلَمُ السِّرَّ وَاَخْفٰی ۟

यदि तुम उच्च स्वर में बात करो, तो वह गुप्त और उससे भी अधिक गुप्त बात को जानता है। info
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8 : 20

اَللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— لَهُ الْاَسْمَآءُ الْحُسْنٰی ۟

अल्लाह वह है जिसके सिवा कोई पूज्य नहीं, सबसे अच्छे नाम उसी के हैं। info
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9 : 20

وَهَلْ اَتٰىكَ حَدِیْثُ مُوْسٰی ۟ۘ

और क्या (ऐ नबी!) आपके पास मूसा की ख़बर पहुँची? info
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10 : 20

اِذْ رَاٰ نَارًا فَقَالَ لِاَهْلِهِ امْكُثُوْۤا اِنِّیْۤ اٰنَسْتُ نَارًا لَّعَلِّیْۤ اٰتِیْكُمْ مِّنْهَا بِقَبَسٍ اَوْ اَجِدُ عَلَی النَّارِ هُدًی ۟

जब उसने एक आग देखी, तो अपने घरवालों से कहा : ठहरो, निःसंदेह मैंने एक आग देखी है, शायद मैं तुम्हारे पास उससे कोई अंगार लाे आऊँ, अथवा उस आग पर कोई मार्गदर्शन पा लूँ।[4] info

4. यह उस समय की बात है, जब मूसा अलैहिस्सलाम अपने परिवार के साथ मदयन नगर से मिस्र आ रहे थे और मार्ग भूल गए थे।

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11 : 20

فَلَمَّاۤ اَتٰىهَا نُوْدِیَ یٰمُوْسٰی ۟ؕ

फिर जब वह उसके पास आया तो उसे आवाज़ दी गई : ऐ मूसा! info
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12 : 20

اِنِّیْۤ اَنَا رَبُّكَ فَاخْلَعْ نَعْلَیْكَ ۚ— اِنَّكَ بِالْوَادِ الْمُقَدَّسِ طُوًی ۟ؕ

निःसंदेह मैं ही तेरा पालनहार हूँ, अतः अपने दोनों जूते उतार दे, निःसंदेह तू पवित्र वादी “तुवा” में है। info
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