قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ - عزیز الحق عمری

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5 : 12

قَالَ یٰبُنَیَّ لَا تَقْصُصْ رُءْیَاكَ عَلٰۤی اِخْوَتِكَ فَیَكِیْدُوْا لَكَ كَیْدًا ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ لِلْاِنْسَانِ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟

उसने कहा : ऐ मेरे बेटे! अपना स्वप्न अपने भाइयों को न बताना[2], अन्यथा वे तेरे विरुद्ध कोई चाल चलेंगे। निःसंदेह शैतान इनसान का खुला दुश्मन है। info

2. यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की दूसरी माँओं से दस भाई थे। और एक सगा भाई था। याक़ूब अलैहिस्सलाम यह जानते थे कि सौतीले भाई, यूसुफ़ से ईर्ष्या करते हैं। इसलिए उनको सावधान कर दिया कि अपना स्वप्न उन्हें न बताएँ।

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6 : 12

وَكَذٰلِكَ یَجْتَبِیْكَ رَبُّكَ وَیُعَلِّمُكَ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ وَیُتِمُّ نِعْمَتَهٗ عَلَیْكَ وَعَلٰۤی اٰلِ یَعْقُوْبَ كَمَاۤ اَتَمَّهَا عَلٰۤی اَبَوَیْكَ مِنْ قَبْلُ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ عَلِیْمٌ حَكِیْمٌ ۟۠

और ऐसे ही तेरा पालनहार तुझे चुन लेगा तथा तुझे बातों (सपनों) का अर्थ सिखाएगा और तुझपर और याक़ूब के घराने पर अपना अनुग्रह[3] पूरा करेगा, जिस तरह उसने इससे पहले उसे तेरे बाप-दादा इबराहीम और इसह़ाक़ पर पूरा किया था। निःसंदेह तेरा पालनहार सब कुछ जानने वाला, पूर्ण हिकमत वाला है। info

3. यहाँ अनुग्रह से अभिप्राय नबी बनाना है। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)

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7 : 12

لَقَدْ كَانَ فِیْ یُوْسُفَ وَاِخْوَتِهٖۤ اٰیٰتٌ لِّلسَّآىِٕلِیْنَ ۟

वास्तव में, यूसुफ़ और उसके भाइयों (की कहानी) में पूछने वालों[4] के लिए कई निशानियाँ हैं। info

4. यह प्रश्न यहूदियों ने मक्का वासियों के माध्यम से नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से किया था, कि वह कौन से नबी हैं जो शाम में रहते थे, और जब उनका पुत्र मिस्र निकल गया, तो उसपर रोते-रोते अंधे हो गए? इस पर यह पूरी सूरत उतरी। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)

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8 : 12

اِذْ قَالُوْا لَیُوْسُفُ وَاَخُوْهُ اَحَبُّ اِلٰۤی اَبِیْنَا مِنَّا وَنَحْنُ عُصْبَةٌ ؕ— اِنَّ اَبَانَا لَفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنِ ۟ۙۖ

जब उन (भाइयों) ने कहा : यूसुफ़ और उसका भाई हमारे पिता को, हमसे अधिक प्रिय हैं। जबकि हम एक गिरोह हैं। वास्तव में, हमारे पिता खुली गुमराही में हैं। info
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9 : 12

١قْتُلُوْا یُوْسُفَ اَوِ اطْرَحُوْهُ اَرْضًا یَّخْلُ لَكُمْ وَجْهُ اَبِیْكُمْ وَتَكُوْنُوْا مِنْ بَعْدِهٖ قَوْمًا صٰلِحِیْنَ ۟

यूसुफ़ को मार डालो या उसे किसी धरती में फेंक आओ। ताकि तुम्हारे पिता का ध्यान केवल तुम्हारी तरफ हो जाए और इसके बाद तुम नेक बन जाओ। info
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10 : 12

قَالَ قَآىِٕلٌ مِّنْهُمْ لَا تَقْتُلُوْا یُوْسُفَ وَاَلْقُوْهُ فِیْ غَیٰبَتِ الْجُبِّ یَلْتَقِطْهُ بَعْضُ السَّیَّارَةِ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِیْنَ ۟

उनमें से एक कहने वाले ने कहा : यूसुफ़ का वध न करो। उसे किसी गहरे कुएँ के अंदर डाल दो। उसे कोई कारवाँ निकाल ले जाएगा, यदि कुछ करने वाले हो। info
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11 : 12

قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مَا لَكَ لَا تَاْمَنَّا عَلٰی یُوْسُفَ وَاِنَّا لَهٗ لَنٰصِحُوْنَ ۟

उन्होंने कहा : ऐ हमारे पिता! क्या बात है कि यूसुफ़ के विषय में आप हमपर विश्वास नहीं करते? जबकि हम लोग उसका भला चाहने वाले हैं। info
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12 : 12

اَرْسِلْهُ مَعَنَا غَدًا یَّرْتَعْ وَیَلْعَبْ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟

उसे कल हमारे साथ भेज दें, वह खाए-पिए और खेले-कूदे, और निःसंदेह हम उसकी रक्षा करने वाले हैं। info
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13 : 12

قَالَ اِنِّیْ لَیَحْزُنُنِیْۤ اَنْ تَذْهَبُوْا بِهٖ وَاَخَافُ اَنْ یَّاْكُلَهُ الذِّئْبُ وَاَنْتُمْ عَنْهُ غٰفِلُوْنَ ۟

उस (याक़ूब) ने कहा : यह मेरे लिए दुःख की बात है कि तुम उसे ले जाओ, तथा मैं इस बात से (भी) डरता हूँ कि उसे भेड़िया खा जाए और तुम उसका ध्यान न रख सको। info
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14 : 12

قَالُوْا لَىِٕنْ اَكَلَهُ الذِّئْبُ وَنَحْنُ عُصْبَةٌ اِنَّاۤ اِذًا لَّخٰسِرُوْنَ ۟

उन्होंने कहा : यदि उसे भेड़िया खा गया, जबकि हम एक गिरोह हैं, तो वास्तव में, हम बड़े घाटे वाले हैं। info
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