قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ - عزیز الحق عمری

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64 : 11

وَیٰقَوْمِ هٰذِهٖ نَاقَةُ اللّٰهِ لَكُمْ اٰیَةً فَذَرُوْهَا تَاْكُلْ فِیْۤ اَرْضِ اللّٰهِ وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْٓءٍ فَیَاْخُذَكُمْ عَذَابٌ قَرِیْبٌ ۟

और ऐ मेरी जाति के लोगो! यह अल्लाह की ऊँटनी[22] तुम्हारे लिए एक निशानी है। अतः इसे छोड़ दो, अल्लाह की धरती में चरती फिरे और इसे कोई कष्ट न पहुँचाओ, अन्यथा तुम्हें अति शीघ्र यातना पकड़ लेगी। info

22. उसे अल्लाह की ऊँटनी इसलिए कहा गया है कि उसे अल्लाह ने उनके लिए एक पर्वत से निकाला था। क्योंकि उन्होंने उसकी माँग की थी कि यदि पर्वत से ऊँटनी निकलेगी, तो हम ईमान ले आएँगे। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)

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