قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - المختصر فی تفسیر القرآن الکریم کا ہندی ترجمہ

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7 : 38

مَا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِی الْمِلَّةِ الْاٰخِرَةِ ۖۚ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا اخْتِلَاقٌ ۟ۖۚ

मुहम्मद हमें जिस तौहीद (एकेश्वरवाद) की ओर बुला रहे हैं, वह बात हमने उस धर्म में नहीं सुनी जिसपर हमने अपने बाप-दादा को पाया और न ही ईसा अलैहिस्सलाम के धर्म में वह (तौहीद की) बात सुनी। यह बात जो हमने उनसे सुनी है, झूठ और गढ़ी हुई बात के सिवा कुछ नहीं है। info
التفاسير:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• أقسم الله عز وجل بالقرآن العظيم، فالواجب تَلقِّيه بالإيمان والتصديق، والإقبال على استخراج معانيه.
• अल्लाह ने अपने महान क़ुरआन की क़सम खाई है। इसलिए आवश्यक है कि उसपर ईमान रखा जाए, उसकी पुष्टि की जाए और उसके अर्थों को निकालने पर ध्यान दिया जाए। info

• غلبة المقاييس المادية في أذهان المشركين برغبتهم في نزول الوحي على السادة والكبراء.
• बहुदेववादियों के मन में भौतिक मानकों की प्रधानता, कि उन्होंने सरदारों और बड़े लोगों पर वह़्य (प्रकाशना) उतरने की इच्छा की। info

• سبب إعراض الكفار عن الإيمان: التكبر والتجبر والاستعلاء عن اتباع الحق.
• काफ़िरों के ईमान से दूर होने का कारण : सत्य का पालन करने से अहंकार, अभिमान और घमंड था। info