قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - المختصر فی تفسیر القرآن الکریم کا ہندی ترجمہ

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162 : 3

اَفَمَنِ اتَّبَعَ رِضْوَانَ اللّٰهِ كَمَنْ بَآءَ بِسَخَطٍ مِّنَ اللّٰهِ وَمَاْوٰىهُ جَهَنَّمُ ؕ— وَبِئْسَ الْمَصِیْرُ ۟

जो व्यक्ति अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने वाली चीज़ों यानी ईमान और अच्छे कर्म का पालन करे, वह अल्लाह के निकट उस व्यक्ति के समान नहीं है, जिसने अल्लाह का इनकार किया और बुरे कार्य किए। जिसके कारण वह अल्लाह का सख्त क्रोध लेकर लौटा और उसका ठिकाना जहन्नम है। और यह बहुत बुरा ठिकाना है। info
التفاسير:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• النصر الحقيقي من الله تعالى، فهو القوي الذي لا يحارب، والعزيز الذي لا يغالب.
• वास्तविक मदद (विजय) अल्लाह की ओर से होती है। चुनाँचे वही वह शक्तिशाली है जिससे लड़ा नहीं जा सकता और वह प्रभुत्वशाली है जिसे परास्त नहीं किया जा सकता। info

• لا تستوي في الدنيا حال من اتبع هدى الله وعمل به وحال من أعرض وكذب به، كما لا تستوي منازلهم في الآخرة.
• इस दुनिया में उस व्यक्ति की स्थिति जिसने अल्लाह के मार्गदर्शन का पालन किया और उसके अनुसार कार्य किया, तथा उस व्यक्ति की स्थिति जिसने मार्गदर्शन से मुँह मोड़ा और उसे झुठलाया, बराबर नहीं हो सकती। जिस तरह कि आख़िरत में उनके स्थान (पद) बराबर नहीं हो सकते। info

• ما ينزل بالعبد من البلاء والمحن هو بسبب ذنوبه، وقد يكون ابتلاء ورفع درجات، والله يعفو ويتجاوز عن كثير منها.
• बंदे पर जो विपत्ति और संकट आती है, वह उसके गुनाहों के कारण आती है। कभी-कभी यह परीक्षण के तौर पर और पदों को बुलंद करने के लिए होती है। जबकि अल्लाह बहुत-से गुनाहों को माफ़ और नज़रअंदाज़ कर देता है। info