قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - المختصر فی تفسیر القرآن الکریم کا ہندی ترجمہ

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33 : 2

قَالَ یٰۤاٰدَمُ اَنْۢبِئْهُمْ بِاَسْمَآىِٕهِمْ ۚ— فَلَمَّاۤ اَنْۢبَاَهُمْ بِاَسْمَآىِٕهِمْ ۙ— قَالَ اَلَمْ اَقُلْ لَّكُمْ اِنِّیْۤ اَعْلَمُ غَیْبَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۙ— وَاَعْلَمُ مَا تُبْدُوْنَ وَمَا كُنْتُمْ تَكْتُمُوْنَ ۟

तब अल्लाह तआला ने आदम अलैहिस्सलाम से कहा : उन्हें इन वस्तुओं के नाम बताओ। चुनाँचे जब आदम अलैहिस्सलाम ने उन्हें बता दिया जिस तरह उनके पालनहार ने उन्हें सिखाया था, तो अल्लाह तआला ने फ़रिश्तों से कहा : क्या मैंने तुमसे नहीं कहा था : निःसंदेह मैं आकाशों तथा धरती की छिपी हुई बातों को जानता हूँ, तथा मैं उसे भी जानता हूँ, जो तुम अपनी स्थितियों में से प्रकट करते हो और जो तुम अपने मन से बातें करते हो। info
التفاسير:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• الواجب على المؤمن إذا خفيت عليه حكمة الله في بعض خلقه وأَمْرِهِ أن يسلِّم لله في خلقه وأَمْرِهِ.
• मोमिन का कर्तव्य यह है कि यदि अल्लाह की किसी रचना और आदेश में उसकी हिकमत उसपर गुप्त रह जाए, तो वह उसकी रचना और आदेश में अल्लाह के प्रति समर्पित हो जाए। info

• رَفَعَ القرآن الكريم منزلة العلم، وجعله سببًا للتفضيل بين الخلق.
• क़ुरआन ने इल्म (ज्ञान) की स्थिति को ऊँचा किया और उसे सृष्टि के बीच वरीयता का एक कारण बना दिया info

• الكِبْرُ هو رأس المعاصي، وأساس كل بلاء ينزل بالخلق، وهو أول معصية عُصِيَ الله بها.
• अहंकार अवज्ञा की जड़ है, और लोगों पर आने वाली हर विपत्ति का आधार है और यह पहली अवज्ञा (पाप) है, जिसके द्वारा अल्लाह की अवज्ञा की गई है। info