قۇرئان كەرىم مەنىلىرىنىڭ تەرجىمىسى - ھىندىچە تەرجىمىسى - ئەزىز ھەق ئۇمەرىي

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16 : 17

وَاِذَاۤ اَرَدْنَاۤ اَنْ نُّهْلِكَ قَرْیَةً اَمَرْنَا مُتْرَفِیْهَا فَفَسَقُوْا فِیْهَا فَحَقَّ عَلَیْهَا الْقَوْلُ فَدَمَّرْنٰهَا تَدْمِیْرًا ۟

और जब हम किसी बस्ती को विनष्ट करना चाहते हैं, तो उसके संपन्न लोगों को आदेश[11] देते हैं। फिर वे उसमें अवज्ञा[12] करते हैं। अंततः उसपर यातना की बात सिद्ध हो जाती है। और हम उसका पूरी तरह उन्मूलन कर देते हैं। info

11. अर्थात आज्ञापालन का। 12. अर्थात हमारी आज्ञा से निकल जाते हैं। आयत का भावार्थ यह है कि समाज के संपन्न लोगों का दुष्कर्म, अत्याचार और अवज्ञा पूरी बस्ती के विनाश का कारण बन जाती है।

التفاسير: