Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Tercüme - Aziz Al-Hak Al-Amri

external-link copy
72 : 9

وَعَدَ اللّٰهُ الْمُؤْمِنِیْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا وَمَسٰكِنَ طَیِّبَةً فِیْ جَنّٰتِ عَدْنٍ ؕ— وَرِضْوَانٌ مِّنَ اللّٰهِ اَكْبَرُ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟۠

अल्लाह ने ईमान वाले पुरुषों तथा ईमान वाली स्त्रियों से ऐसे बाग़ों का वादा किया है जिनके नीचे से नहरें बहती हैं, जिनमें वे सदैव रहने वाले होंगे, और स्थायी बाग़ों में अच्छे आवासों का (वादा किया है)। और अल्लाह की ओर से थोड़ी-सी प्रसन्नता सबसे बड़ी है, यही तो बहुत बड़ी सफलता है। info
التفاسير: