Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Tercüme - Aziz Al-Hak Al-Amri

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67 : 39

وَمَا قَدَرُوا اللّٰهَ حَقَّ قَدْرِهٖ ۖۗ— وَالْاَرْضُ جَمِیْعًا قَبْضَتُهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ وَالسَّمٰوٰتُ مَطْوِیّٰتٌ بِیَمِیْنِهٖ ؕ— سُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟

तथा उन्होंने अल्लाह का सम्मान नहीं किया, जैसे उसका सम्मान करना चाहिए था और क़ियामत के दिन पूरी धरती उसकी एक मुट्ठी में होगी, तथा आकाश उसके दाएँ हाथ[14] में लिपटे होंगे। वह उस शिर्क से पवित्र तथा उच्च है, जो वे कर रहे हैं। info

14. ह़दीस में आता है कि एक यहूदी विद्वान नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास आया और कहा : हम अल्लाह के विषय में (अपनी धर्म पुस्तकों में) यह पाते हैं कि प्रलय के दिन आकाशों को एक उँगली, तथा भूमि को एक उँगली पर और पेड़ों को एक उंँगली, जल तथा तरी को एक उंँगली पर और समस्त उत्पत्ति को एक उंँगली पर रख लेगा, तथा कहेगा : "मैं ही राजा हूँ।" यह सुनकर आप हँस पड़े और इसी आयत को पढ़ा। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस : 4812, 6519, 7382, 7413)

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