Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Tercüme - Aziz Al-Hak Al-Amri

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29 : 39

ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا رَّجُلًا فِیْهِ شُرَكَآءُ مُتَشٰكِسُوْنَ وَرَجُلًا سَلَمًا لِّرَجُلٍ ؕ— هَلْ یَسْتَوِیٰنِ مَثَلًا ؕ— اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ ۚ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟

अल्लाह ने एक व्यक्ति का उदाहरण दिया है, जिसमें कई परस्पर विरोधी साझी हैं तथा एक और व्यक्ति का, जो पूरा एक ही व्यक्ति का (दास) है। क्या दोनों की स्थिति समान हैं?[5] सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है। बल्कि उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते। info

5. इस आयत में मिश्रणवादी और एकेश्वरवादी की दशा का वर्णन किया गया है कि मिश्रणवादी अनेक पूज्यों को प्रसन्न करने में व्याकुल रहता है। तथा एकेश्वरवादी शांत होकर केवल एक अल्लाह की इबादत करता है और एक ही को प्रसन्न करता है।

التفاسير: