Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Tercüme - Aziz Al-Hak Al-Amri

external-link copy
54 : 30

اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ مِّنْ ضُؔعْفٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْ بَعْدِ ضُؔعْفٍ قُوَّةً ثُمَّ جَعَلَ مِنْ بَعْدِ قُوَّةٍ ضُؔعْفًا وَّشَیْبَةً ؕ— یَخْلُقُ مَا یَشَآءُ ۚ— وَهُوَ الْعَلِیْمُ الْقَدِیْرُ ۟

अल्लाह वह है, जिसने तुम्हें कमज़ोरी (की स्थिति) से पैदा, फिर (बचपन की) कमज़ोरी के बाद शक्ति प्रदान की, फिर शक्ति के बाद कमज़ोरी और बुढ़ापा[20] बना दिया। वह जो चाहता है, पैदा करता है। और वही सब कुछ जानने वाला, हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है। info

20. अर्थात एक व्यक्ति जन्म से मरण तक अल्लाह के सामर्थ्य के अधीन रहता है, फिर उसकी उपासना में उसके अधीन होने और उसके पुनः पैदा कर देने के सामर्थ्य को अस्वीकार क्यों करते है?

التفاسير: