Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Tercüme - Aziz Al-Hak Al-Amri

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27 : 23

فَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِ اَنِ اصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْیُنِنَا وَوَحْیِنَا فَاِذَا جَآءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُ ۙ— فَاسْلُكْ فِیْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَیْنِ اثْنَیْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَیْهِ الْقَوْلُ مِنْهُمْ ۚ— وَلَا تُخَاطِبْنِیْ فِی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۚ— اِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ۟

तो हमने उसकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की कि हमारी आँखों के सामने और हमारी वह़्य के अनुसार नौका बना। फिर जब हमारा आदेश आ जाए तथा तन्नूर उबल पड़े, तो प्रत्येक जीव का जोड़ा नर और मादा तथा अपने परिवार वालों को उसमें सवार कर ले, उनमें से उसके सिवाय जिसके बारे में पहले निर्णय हो चुका है। और मुझसे उनके बारे में बात न करना, जिन्होंने अत्याचार किया है। निश्चय वे डुबोए जाने वाले हैं। info
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