Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Muhtasar Kur'an-ı Kerim Tefsiri Hintçe Tercümesi

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26 : 57

وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا وَّاِبْرٰهِیْمَ وَجَعَلْنَا فِیْ ذُرِّیَّتِهِمَا النُّبُوَّةَ وَالْكِتٰبَ فَمِنْهُمْ مُّهْتَدٍ ۚ— وَكَثِیْرٌ مِّنْهُمْ فٰسِقُوْنَ ۟

और निश्चय ही हमने नूह अलैहिस्सलाम और इबराहीम अलैहिस्सलाम को रसूल बनाकर भेजा और उन दोनों की संतान में पैग़ंबरी और उतरने वाली किताबें रखीं। फिर उन दोनों की संतान में से कुछ सीधे मार्ग पर चलने वाले हैं और उनमें से बहुत-से लोग अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हैं। info
التفاسير:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• الحق لا بد له من قوة تحميه وتنشره.
• सत्य के लिए ऐसी शक्ति का होना आवश्यक है जो उसकी रक्षा और प्रचार करे। info

• بيان مكانة العدل في الشرائع السماوية.
• आसमानी शरीयतों में न्याय की स्थिति का वर्णन। info

• صلة النسب بأهل الإيمان والصلاح لا تُغْنِي شيئًا عن الإنسان ما لم يكن هو مؤمنًا.
• ईमान वालों और नेक लोगों के साथ वंश का संबंध इनसान के लिए किसी काम का नहीं है जब तक कि वह (स्वयं) मोमिन न हो। info

• بيان تحريم الابتداع في الدين.
• धर्म में नवाचार आविष्कार करने के निषेध का वर्णन। info