Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Muhtasar Kur'an-ı Kerim Tefsiri Hintçe Tercümesi

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24 : 57

١لَّذِیْنَ یَبْخَلُوْنَ وَیَاْمُرُوْنَ النَّاسَ بِالْبُخْلِ ؕ— وَمَنْ یَّتَوَلَّ فَاِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْغَنِیُّ الْحَمِیْدُ ۟

जो लोग उस चीज़ को खर्च करने में कंजूसी करते हैं, जिसका खर्च करना उनपर अनिवार्य है, और दूसरे लोगों को (भी) कंजूसी करने के लिए कहते हैं, वे लोग घाटा उठाने वाले हैं। और जो अल्लाह की आज्ञाकारिता से मुँह फेरता है, वह अल्लाह को नुक़सान नहीं पहुँचाएगा, बल्कि खुद को नुक़सान पहुँचाएगा। निश्चय अल्लाह ही बड़ा बेपरवाह है, इसलिए उसे अपने बंदों की आज्ञाकारिता की ज़रूरत नहीं है, वह हर हाल में बहुत प्रशंसनीय है। info
التفاسير:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• الزهد في الدنيا وما فيها من شهوات، والترغيب في الآخرة وما فيها من نعيم دائم يُعينان على سلوك الصراط المستقيم.
• दुनिया और उसकी इच्छाओं में अरुचि तथा आख़िरत और उसकी स्थायी नेमतों में अभिरुचि, सीधे मार्ग पर चलने में मदद करते हैं। info

• وجوب الإيمان بالقدر.
• तक़दीर पर ईमान लाना ज़रूरी है। info

• من فوائد الإيمان بالقدر عدم الحزن على ما فات من حظوظ الدنيا.
• तक़दीर पर ईमान लाने के लाभों में से एक लाभ यह है कि दुनिया के छूट जाने वाले सुखों पर शोक नहीं होता। info

• البخل والأمر به خصلتان ذميمتان لا يتصف بهما المؤمن.
• कंजूसी करना और उसका आदेश देना दो बुरी आदतें हैं, जो मोमिन के अंदर नहीं होतीं हैं। info