పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అల్ ఖుర్ఆన్ అల్ కరీమ్ యొక్క సంక్షిప్త తఫ్సీర్ వ్యాఖ్యానం

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11 : 47

ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ مَوْلَی الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَاَنَّ الْكٰفِرِیْنَ لَا مَوْلٰی لَهُمْ ۟۠

दोनों पक्षों के लिए उक्त (अलग-अलग) बदला इस कारण है कि अल्लाह ईमान वालों का मददगार है और काफ़िरों का कोई सहायक नहीं है। info
التفاسير:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• النكاية في العدوّ بالقتل وسيلة مُثْلى لإخضاعه.
• दुश्मन को मार कर परास्त कर देना उसे वश में करने का एक आदर्श उपाय है। info

• المن والفداء والقتل والاسترقاق خيارات في الإسلام للتعامل مع الأسير الكافر، يؤخذ منها ما يحقق المصلحة.
• उपकार करना, छुड़ौती लेना, क़त्ल कर देना और दास बना लेना, इस्लाम में एक काफिर बंदी से निपटने के विकल्प हैं, इनमें से उसे चुना जाएगा, जिससे हित की पूर्ति होती हो। info

• عظم فضل الشهادة في سبيل الله.
• अल्लाह के रास्ते में शहीद होने की महान श्रेष्ठता। info

• نصر الله للمؤمنين مشروط بنصرهم لدينه.
• ईमान वालों के लिए अल्लाह की मदद, उनके उसके धर्म की मदद करने की शर्त पर है। info