పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అల్ ఖుర్ఆన్ అల్ కరీమ్ యొక్క సంక్షిప్త తఫ్సీర్ వ్యాఖ్యానం

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44 : 25

اَمْ تَحْسَبُ اَنَّ اَكْثَرَهُمْ یَسْمَعُوْنَ اَوْ یَعْقِلُوْنَ ؕ— اِنْ هُمْ اِلَّا كَالْاَنْعَامِ بَلْ هُمْ اَضَلُّ سَبِیْلًا ۟۠

बल्कि, क्या (ऐ रसूल!) आप यह समझते हैं कि जिन लोगों को आप अल्लाह के एकेश्वरवाद और उसकी आज्ञाकारिता की ओर बुला रहे हैं, उनमें से अधिकांश लोग आपकी बात को स्वीकार करने के लिए सुनते या तर्कों और प्रमाणों को समझते हैं?! वे सुनने एवं समझने के मामले में पशुओं के समान हैं, बल्कि वे पशुओं से भी अधिक पथभ्रष्ट हैं। info
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45 : 25

اَلَمْ تَرَ اِلٰی رَبِّكَ كَیْفَ مَدَّ الظِّلَّ ۚ— وَلَوْ شَآءَ لَجَعَلَهٗ سَاكِنًا ۚ— ثُمَّ جَعَلْنَا الشَّمْسَ عَلَیْهِ دَلِیْلًا ۟ۙ

क्या (ऐ रसूल!) क्या आपने अल्लाह की रचना की निशानियों को नहीं देखा, जब उसने धरती के चेहरे पर छाया फैला दी। यदि वह चाहता कि उसे स्थिर कर दे और वह न हिले, तो निश्चय वह उसे ऐसा ही बनाता। फिर हमने सूर्य को उसका संकेत देने वाला बना दिया, जिसके साथ वह लंबा और छोटा होता है। info
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46 : 25

ثُمَّ قَبَضْنٰهُ اِلَیْنَا قَبْضًا یَّسِیْرًا ۟

फिर जैसे-जैसे सूरज बुलंद होता है, हम छाया को धीरे-धीरे कम करते हुए समेट लेते हैं। info
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47 : 25

وَهُوَ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الَّیْلَ لِبَاسًا وَّالنَّوْمَ سُبَاتًا وَّجَعَلَ النَّهَارَ نُشُوْرًا ۟

और अल्लाह ही वह हस्ती है, जिसने तुम्हारे लिए रात को वस्त्र के समान बनाया, जो तुम्हें ढाँप लेता है तथा अन्य चीज़ों को छिपाता है। तथा वही है जिसने तुम्हारे लिए नींद को विश्राम बनाया, जिसके आग़ोश में तुम अपने कार्यों से आराम करते हो तथा वही है जिसने दिन को तुम्हारे लिए अपने कामों पर जाने का समय बनाया। info
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48 : 25

وَهُوَ الَّذِیْۤ اَرْسَلَ الرِّیٰحَ بُشْرًاۢ بَیْنَ یَدَیْ رَحْمَتِهٖ ۚ— وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً طَهُوْرًا ۟ۙ

वही है जिसने हवाओं को बारिश की शुभ सूचना देने वाली बनाकर भेजा, जो अल्लाह की अपने बंदों पर दया में से है। तथा हमने आकाश से बारिश का साफ पानी उतारा, जिससे वे अपने आप को शुद्ध (पाक) करते हैं। info
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49 : 25

لِّنُحْیِ بِهٖ بَلْدَةً مَّیْتًا وَّنُسْقِیَهٗ مِمَّا خَلَقْنَاۤ اَنْعَامًا وَّاَنَاسِیَّ كَثِیْرًا ۟

ताकि हम उस उतरने वाले पानी से पौधे रहित बंजर भूमि को, विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ उगाकर और उसमें हरियाली फैलाकर, पुनर्जीवित करें और ताकि उस पानी से हम अपने पैदा किए हुए बहुत-से पशुओं और इनसानों को सेराब करें। info
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50 : 25

وَلَقَدْ صَرَّفْنٰهُ بَیْنَهُمْ لِیَذَّكَّرُوْا ۖؗ— فَاَبٰۤی اَكْثَرُ النَّاسِ اِلَّا كُفُوْرًا ۟

हमने क़ुरआन में उन तर्कों और प्रमाणों को विविध रूप से वर्णन किया, ताकि वे सीख ग्रहण करें। परंतु अधिकांश लोगों ने सत्य को नकारने और उससे अनजान बनने ही की नीति अपनाई। info
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51 : 25

وَلَوْ شِئْنَا لَبَعَثْنَا فِیْ كُلِّ قَرْیَةٍ نَّذِیْرًا ۟ؗۖ

और यदि हम चाहते तो प्रत्येक बस्ती में उन्हें चेतावनी देने और अल्लाह की सज़ा से डराने के लिए एक रसूल भेज देते। लेकिन हमने ऐसा नहीं चाहा। बल्कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सभी लोगों के लिए रसूल बनाकर भेज दिया। info
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52 : 25

فَلَا تُطِعِ الْكٰفِرِیْنَ وَجَاهِدْهُمْ بِهٖ جِهَادًا كَبِیْرًا ۟

अतः आप काफ़िरों की उनके साथ नरमी करने की माँग और उनके दिए गए सुझावों को न मानें। तथा अपने ऊपर अवतरित इस क़ुरआन के द्वारा उनसे बड़ा जिहाद (संघर्ष) करें, उनके कष्ट पर धैर्य रखते हुए तथा उन्हें अल्लाह की ओर बुलाने में कठिनाइयों को सहते हुए। info
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53 : 25

وَهُوَ الَّذِیْ مَرَجَ الْبَحْرَیْنِ هٰذَا عَذْبٌ فُرَاتٌ وَّهٰذَا مِلْحٌ اُجَاجٌ ۚ— وَجَعَلَ بَیْنَهُمَا بَرْزَخًا وَّحِجْرًا مَّحْجُوْرًا ۟

पवित्र अल्लाह ही है, जिसने दो समुद्रों के पानी को मिला दिया। उसने उनमें से मीठे को नमकीन के साथ मिलाया और उन दोनों के बीच एक पर्दा और मज़बूत आड़ बना दिया, जो दोनों के पानी को आपस में मिलने से रोकता है। info
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54 : 25

وَهُوَ الَّذِیْ خَلَقَ مِنَ الْمَآءِ بَشَرًا فَجَعَلَهٗ نَسَبًا وَّصِهْرًا ؕ— وَكَانَ رَبُّكَ قَدِیْرًا ۟

वही है, जिसने पुरुष एवं स्त्री के वीर्य से मनुष्य को पैदा किया। तथा जिसने मनुष्यों को पैदा किया, उसने उनके बीच वंशगत रिश्ता तथा ससुराली रिश्ता बनाया। और (ऐ रसूल!) आपका पालनहार सर्वशक्तिमान है, उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती। उसकी शक्ति का एक प्रतीक यह है कि उसने पुरुष एवं स्त्री के वीर्य से मनुष्य को पैदा किया। info
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55 : 25

وَیَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَنْفَعُهُمْ وَلَا یَضُرُّهُمْ ؕ— وَكَانَ الْكَافِرُ عَلٰی رَبِّهٖ ظَهِیْرًا ۟

ये काफ़िर लोग अल्लाह के अलावा उन मूर्तियों की पूजा करते हैं, जो उनकी आज्ञा मानने से उन्हें लाभ नहीं देती हैं और यदि वे उनकी अवज्ञा करते हैं तो उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाती हैं। तथा काफ़िर ऐसे कार्यों में शैतान का अनुयायी है, जो अल्लाह को क्रोधित करते हैं। info
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ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• انحطاط الكافر إلى مستوى دون مستوى الحيوان بسبب كفره بالله.
• काफ़िर अपने कुफ़्र (अल्लाह में अविश्वास) के कारण जानवर के स्तर से नीचे के स्तर तक गिर जाता है। info

• ظاهرة الظل آية من آيات الله الدالة على قدرته.
• 'छाया' अल्लाह की शक्ति को दर्शाने वाली निशानियों में से एक है। info

• تنويع الحجج والبراهين أسلوب تربوي ناجح.
•अलग-अलग प्रकार के तर्क एवं प्रमाण प्रस्तुत करना, एक सफल प्रशिक्षणिक पद्धति है। info

• الدعوة بالقرآن من صور الجهاد في سبيل الله.
• क़ुरआन द्वारा लोगों को अल्लाह की ओर बुलाना, अल्लाह के मार्ग में जिहाद करने का एक रूप है। info