ශුද්ධවූ අල් කුර්ආන් අර්ථ කථනය - හින්දි පරිවර්තනය - අසීසුල් හක්කිල් උමරී

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39 : 19

وَاَنْذِرْهُمْ یَوْمَ الْحَسْرَةِ اِذْ قُضِیَ الْاَمْرُ ۘ— وَهُمْ فِیْ غَفْلَةٍ وَّهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟

और (ऐ नबी!) आप उन्हें पछतावे के दिन से डराएँ, जब हर काम का फैसला[14] कर दिया जाएगा, और वे पूरी तरह से ग़फ़लत में हैं और वे ईमान नहीं लाते। info

14. अर्थात प्रत्येक के कर्मानुसार उसके लिए नरक अथवा स्वर्ग का निर्णय कर दिया जाएगा। फिर मौत को एक भेड़ के रूप में वध कर दिया जाएगा। तथा घोषणा कर दी जाएगी कि ऐ स्वर्गियो! तुम्हें सदा रहना है, और अब मौत नहीं है। और हे नारकियो! तुम्हें सदा नरक में रहना है, अब मौत नहीं है। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4730)

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