ශුද්ධවූ අල් කුර්ආන් අර්ථ කථනය - හින්දි පරිවර්තනය - අසීසුල් හක්කිල් උමරී

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37 : 11

وَاصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْیُنِنَا وَوَحْیِنَا وَلَا تُخَاطِبْنِیْ فِی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۚ— اِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ۟

और हमारी आँखों के सामने और हमारी वह़्य के अनुसार एक नाव बनाओ और मुझसे उन लोगों के बारे में कुछ[11] न कहना, जिन्होंने अत्याचार किया है। निःसंदेह वे डुबाए जाने वाले हैं। info

11. अर्थात प्रार्थना और सिफ़ारिश न करना।

التفاسير: