Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro bya Qur'an Ntagatifu mu rurimi rw'igihinde - Byasobanuwe na Azizul-Haqq Al-Umary.

external-link copy
13 : 9

اَلَا تُقَاتِلُوْنَ قَوْمًا نَّكَثُوْۤا اَیْمَانَهُمْ وَهَمُّوْا بِاِخْرَاجِ الرَّسُوْلِ وَهُمْ بَدَءُوْكُمْ اَوَّلَ مَرَّةٍ ؕ— اَتَخْشَوْنَهُمْ ۚ— فَاللّٰهُ اَحَقُّ اَنْ تَخْشَوْهُ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟

क्या तुम उन लोगों से नहीं लड़ोगे, जिन्होंने अपनी क़समें तोड़ दीं और रसूल को निकालने का इरादा किया, और उन्होंने ही तुमसे युद्ध का आरंभ किया है? क्या तुम उनसे डरते हो? तो अल्लाह अधिक हक़दार है कि तुम उससे डरो, यदि तुम ईमानवाले[6] हो। info

6. आयत संख्या 7 से लेकर 13 तक यह बताया गया है कि शत्रु ने निरंतर संधि को तोड़ा है। और तुम्हें युद्ध के लिए बाध्य कर दिया है। अब उनके अत्याचार और आक्रमण को रोकने का यही उपाय रह गया है कि उनसे युद्ध किया जाए।

التفاسير: