د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه.

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211 : 2

سَلْ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ كَمْ اٰتَیْنٰهُمْ مِّنْ اٰیَةٍ بَیِّنَةٍ ؕ— وَمَنْ یُّبَدِّلْ نِعْمَةَ اللّٰهِ مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَتْهُ فَاِنَّ اللّٰهَ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟

(ऐ नबी!) बनी इसराईल से उनकी भर्त्सना करते हुए पूछिए : अल्लाह ने तुम्हारे सामने नबियों की सच्चाई को उजागर करने वाली कितनी स्पष्ट निशानियाँ रखीं?! तो तुमने उन्हें झुठला दिया और उनसे मुँह फेर लिया। तथा जो अल्लाह की नेमत को उसे पहचान लेने और उसके स्पष्ट हो जाने के पश्चात झुठला दे और इनकार कर दे; तो (ज्ञात होना चाहिए कि) निःसंदेह अल्लाह झुठलाने वाले काफ़िरों को कठिन यातना देने वाला है। info
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212 : 2

زُیِّنَ لِلَّذِیْنَ كَفَرُوا الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا وَیَسْخَرُوْنَ مِنَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ۘ— وَالَّذِیْنَ اتَّقَوْا فَوْقَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَاللّٰهُ یَرْزُقُ مَنْ یَّشَآءُ بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟

अल्लाह का इनकार करने वालों के लिए सांसारिक जीवन और उसमें मौजूद क्षणिक सुखों और समाप्त हो जाने वाली खुशियों को सुंदर बना दिया गया है। तथा वे अल्लाह और अंतिम दिन पर ईमान रखने वालों का मज़ाक़ उड़ाते हैं। जबकि जो लोग अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों को त्याग करके अल्लाह से डरते हैं, वे आख़िरत में इन काफ़िरों से ऊपर होंगे। क्योंकि अल्लाह उन्हें हमेशा रहने वाली जन्नतों में ठहराएगा और अल्लाह अपनी मख़्लूक़ में से जिसे चाहता है, बिना गिनती और गणना के प्रदान करता है। info
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213 : 2

كَانَ النَّاسُ اُمَّةً وَّاحِدَةً ۫— فَبَعَثَ اللّٰهُ النَّبِیّٖنَ مُبَشِّرِیْنَ وَمُنْذِرِیْنَ ۪— وَاَنْزَلَ مَعَهُمُ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ لِیَحْكُمَ بَیْنَ النَّاسِ فِیْمَا اخْتَلَفُوْا فِیْهِ ؕ— وَمَا اخْتَلَفَ فِیْهِ اِلَّا الَّذِیْنَ اُوْتُوْهُ مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَتْهُمُ الْبَیِّنٰتُ بَغْیًا بَیْنَهُمْ ۚ— فَهَدَی اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لِمَا اخْتَلَفُوْا فِیْهِ مِنَ الْحَقِّ بِاِذْنِهٖ ؕ— وَاللّٰهُ یَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟

(शुरू में) लोग एक ही समुदाय थे, अपने पिता आदम के धर्म पर (रहते हुए) मार्गदर्शन पर सहमत थे, यहाँ तक कि शैतान ने उन्हें गुमराह कर दिया, तो वे मतभेद के शिकार होकर मोमिन और काफिर में बँट गए। इस कारण से, अल्लाह ने रसूलों को भेजा, जो ईमान वालों और आज्ञाकारियों को उस चीज़ की शुभ सूचना देने वाले थे जो अल्लाह ने अपनी दया में से उनके लिए तैयार कर रखी है, तथा कुफ़्र का मार्ग अपनाने वालों को अल्लाह की कठिन यातना से डराने वाले थे जिसकी उसने उन्हें धमकी दी है। तथा अल्लाह ने अपने रसूलों के साथ संदेह रहित सत्य पर आधारित किताबें उतारीं; ताकि वे लोगों के बीच उनके विवादित मामलों का निर्णय करें। और उस पुस्तक में जिसे अल्लाह ने अवतरित किया - और वह तौरात है - उन्हीं लोगों ने मतभेद किया जो यहूदियों में से उसका ज्ञान दिए गए थे, इसके बाद कि उनके पास अल्लाह के प्रमाण आ चुके थे कि वह अल्लाह की ओर से सच्ची (पुस्तक) है, जिसमें उनके लिए मतभेद करना संभव नहीं था, उन्होंने ऐसा अत्याचार करते हुए किया। इसलिए अल्लाह ने अपनी अनुमति और इच्छा से मोमिनों को गुमराही से मार्गदर्शन को पहचानने का सामर्थ्य प्रदान किया। तथा अल्लाह जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखाता है, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है और वह ईमान का मार्ग है। info
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214 : 2

اَمْ حَسِبْتُمْ اَنْ تَدْخُلُوا الْجَنَّةَ وَلَمَّا یَاْتِكُمْ مَّثَلُ الَّذِیْنَ خَلَوْا مِنْ قَبْلِكُمْ ؕ— مَسَّتْهُمُ الْبَاْسَآءُ وَالضَّرَّآءُ وَزُلْزِلُوْا حَتّٰی یَقُوْلَ الرَّسُوْلُ وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ مَتٰی نَصْرُ اللّٰهِ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ نَصْرَ اللّٰهِ قَرِیْبٌ ۟

या (ऐ मोमिनो!) तुमने समझ रखा है कि तुम जन्नत में प्रवेश कर जाओगे, जबकि तुम अभी तक अपने से पहले गुज़रे हुए लोगों के परीक्षा की तरह किसी परीक्षा से पीड़ित नहीं हुए। वे सख़्त ग़रीबी और गंभीर बीमारी से प्रभावित हुए और डर ने उन्हें हिलाकर रख दिया, यहाँ तक कि उनपर विपत्ति इस हद तक पहुँच गई कि वे अल्लाह की मदद के जल्दी आने की कामना करने लगे। चुनाँचे रसूल और उनके साथ ईमान लाने वाले कहने लगे : अल्लाह की मदद कब आएगी? सुन लो, अल्लाह की मदद उसपर ईमान रखने वालों और उसपर भरोसा करने वालों से क़रीब ही है। info
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215 : 2

یَسْـَٔلُوْنَكَ مَاذَا یُنْفِقُوْنَ ؕ— قُلْ مَاۤ اَنْفَقْتُمْ مِّنْ خَیْرٍ فَلِلْوَالِدَیْنِ وَالْاَقْرَبِیْنَ وَالْیَتٰمٰی وَالْمَسٰكِیْنِ وَابْنِ السَّبِیْلِ ؕ— وَمَا تَفْعَلُوْا مِنْ خَیْرٍ فَاِنَّ اللّٰهَ بِهٖ عَلِیْمٌ ۟

(ऐ नबी!) आपके साथी आपसे पूछते हैं : वे अपने विभिन्न प्रकार के धनों में से क्या ख़र्च करें और कहाँ ख़र्च करें? तो आप उन्हें जवाब देते हुए कह दीजिए : तुम ख़ैर - अर्थात् हलाल एवं पवित्र धन - में से जो भी ख़र्च करो, तो उसे माता-पिता पर, आवश्यकता के अनुसार अपने निकटतम रिश्तेदारों पर, ज़रूरतमंद यतीमों पर, उन बेसहारा लोगों पर जिनके पास कोई धन नहीं, तथा उस यात्री पर ख़र्च करना चाहिए जो यात्रा के कारण अपने परिवार और स्वदेश से कट गया है। (ऐ मोमिनो!) तुम जो भी भलाई करोगे, चाहे वह कम हो या अधिक, निःसंदेह अल्लाह उसे जानने वाला है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है, और वह तुम्हें उसका बदला देगा। info
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په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• ترك شكر الله تعالى على نعمه وترك استعمالها في طاعته يعرضها للزوال ويحيلها بلاءً على صاحبها.
• अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया अदा न करना और उनका अल्लाह की आज्ञाकारिता में उपयोग न करना, उन्हें विनाश से ग्रस्त कर देता है और उन्हें आदमी के लिए एक आपदा में बदल देता है। info

• الأصل أن الله خلق عباده على فطرة التوحيد والإيمان به، وإبليس وأعوانه هم الذين صرفوهم عن هذه الفطرة إلى الشرك به.
• मौलिक तौर पर अल्लाह ने अपने बंदों को तौह़ीद (एकेश्वरवाद) और अल्लाह पर ईमान लाने की प्रकृति पर पैदा किया है। ये तो इबलीस और उसके सहयोगी हैं जिन्होंने उन्हें इस प्रकृति से हटाकर शिर्क की ओर फेर दिया। info

• أعظم الخذلان الذي يؤدي للفشل أن تختلف الأمة في كتابها وشريعتها، فيكفّر بعضُها بعضًا، ويلعن بعضُها بعضًا.
• सबसे बड़ी निःसहायता जो विफलता की ओर ले जाती है, यह है कि उम्मत अपनी किताब और शरीयत के बारे में मतभेद का शिकार हो जाए। चुनाँचे वे एक-दूसरे को काफ़िर ठहराएँ और एक-दूसरे पर लानत करें। info

• الهداية للحق الذي يختلف فيه الناس، ومعرفة وجه الصواب بيد الله، ويُطلب منه تعالى بالإيمان به والانقياد له.
• उस सत्य का मार्गदर्शन जिसके बारे में लोग मतभेद के शिकार हैं, तथा सही पहलू का ज्ञान अल्लाह के हाथ में है, और उसे उसी सर्वशक्तिमान से, उसपर ईमान रखकर और उसका आज्ञापालन करके, माँगना चाहिए। info

• الابتلاء سُنَّة الله تعالى في أوليائه، فيبتليهم بقدر ما في قلوبهم من الإيمان به والتوكل عليه.
• परीक्षण अल्लाह तआला की उसके सदाचारी बंदों के बारे में नीति रही है। इसलिए वह उनके दिलों में उसपर पाए जाने वाले ईमान और तवक्कुल (भरोसा) के अनुसार उनका परीक्षण करता है। info

• من أعظم ما يعين على الصبر عند نزول البلاء، الاقتداء بالصالحين وأخذ الأسوة منهم.
• विपदा आने के समय सब्र करने पर सहायक चीज़ों में से एक महान चीज़ अल्लाह के नेक बंदों का अनुसरण करना और उनसे आदर्श ग्रहण करना है। info