د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه.

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135 : 2

وَقَالُوْا كُوْنُوْا هُوْدًا اَوْ نَصٰرٰی تَهْتَدُوْا ؕ— قُلْ بَلْ مِلَّةَ اِبْرٰهٖمَ حَنِیْفًا ؕ— وَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟

यहूदियों ने मुसलमानों से कहा : यहूदी बन जाओ, हिदायत के मार्ग पर चलने लगोगे, तथा ईसाइयों ने कहा : ईसाई बन जाओ, हिदायत के मार्ग पर चलने लगोगे। (ऐ नबी!) आप उन्हें जवाब देते हुए कह दीजिए : बल्कि, हम इबराहीम अलैहिस्सलाम के धर्म का अनुसरण करेंगे, जो झूठे धर्मों से विमुख होकर सच्चे धर्म की ओर प्रवृत थे तथा उन लोगों में से नहीं थे जिन्होंने अल्लाह के साथ किसी को साझी बनाया। info
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136 : 2

قُوْلُوْۤا اٰمَنَّا بِاللّٰهِ وَمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْنَا وَمَاۤ اُنْزِلَ اِلٰۤی اِبْرٰهٖمَ وَاِسْمٰعِیْلَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ وَالْاَسْبَاطِ وَمَاۤ اُوْتِیَ مُوْسٰی وَعِیْسٰی وَمَاۤ اُوْتِیَ النَّبِیُّوْنَ مِنْ رَّبِّهِمْ ۚ— لَا نُفَرِّقُ بَیْنَ اَحَدٍ مِّنْهُمْ ؗ— وَنَحْنُ لَهٗ مُسْلِمُوْنَ ۟

ऐ ईमान वालो! इस झूठे दावा वाले यहूदियों और ईसाइयों से कह दो : हम अल्लाह पर और उस क़ुरआन पर ईमान लाए जो हमारी ओर उतारा गया। तथा हम उसपर ईमान लाए जो इबराहीम और उनके पुत्रों इसमाईल, इसह़ाक़ और याक़ूब पर उतारा गया। और हम उसपर ईमान लाए जो याक़ूब अलैहिस्सलाम की संतान में से होने वाले नबियों पर उतारा गाय। इसी तरह हम ईमान लाए उस तौरात पर जो अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम को प्रदान किया और उस इन्जील पर जो अल्लाह ने ईसा अलैहिस्सलाम को प्रदान किया। तथा हम उन किताबों पर ईमान लाए जो अल्लाह ने सभी नबियों को प्रदान कीं। हम उनमें से किसी के बीच अंतर (भेदभाव) नहीं करते, कि हम कुछ पर ईमान लाएँ और कुछ का इनकार कर दें। बल्कि हम उन सभी (नबियों) पर ईमान रखते हैं और हम अकेले उसी महिमावान अल्लाह के आज्ञाकारी और अधीन हैं। info
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137 : 2

فَاِنْ اٰمَنُوْا بِمِثْلِ مَاۤ اٰمَنْتُمْ بِهٖ فَقَدِ اهْتَدَوْا ۚ— وَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّمَا هُمْ فِیْ شِقَاقٍ ۚ— فَسَیَكْفِیْكَهُمُ اللّٰهُ ۚ— وَهُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟ؕ

यदि यहूदी, ईसाई और अन्य काफ़िर तुम्हारे ईमान लाने की तरह ईमान लाएँ; तो उन्होंने उस सीधे मार्ग को पा लिया, जिसे अल्लाह ने पसंद किया है। लेकिन यदि वे सभी या कुछ नबियों को झुठलाकर ईमान से उपेक्षा करें, तो वे विरोध और शत्रुता में पड़े हुए हैं। इसलिए - ऐ नबी! - आप दुखी न हों, क्योंकि अल्लाह आपको उनके कष्ट से बचाने के लिए पर्याप्त हो जाएगा, आपकी उनकी बुराई से रक्षा करेगा और उनके खिलाफ आपकी मदद करेगा। क्योंकि वह उनकी बातों को सुनने वाला, और उनके इरादों और कार्यों को जानने वाला है। info
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138 : 2

صِبْغَةَ اللّٰهِ ۚ— وَمَنْ اَحْسَنُ مِنَ اللّٰهِ صِبْغَةً ؗ— وَّنَحْنُ لَهٗ عٰبِدُوْنَ ۟

अल्लाह के उस धर्म पर बाहरी और आंतरिक रूप से जमे रहो, जिसपर उसने तुम्हें पैदा किया है। क्योंकि अल्लाह के धर्म से बेहतर कोई धर्म नहीं। क्योंकि वह प्रकृति के अनुकूल है, हितों को लाने वाला और अहितों को रोकने वाला है। तथा कहो : हम केवल अल्लाह की इबादत करने वाले हैं, हम उसके साथ किसी दूसरे को साझी नहीं बनाते। info
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139 : 2

قُلْ اَتُحَآجُّوْنَنَا فِی اللّٰهِ وَهُوَ رَبُّنَا وَرَبُّكُمْ ۚ— وَلَنَاۤ اَعْمَالُنَا وَلَكُمْ اَعْمَالُكُمْ ۚ— وَنَحْنُ لَهٗ مُخْلِصُوْنَ ۟ۙ

ऐ नबी! कह दीजिए : (ऐ किताब वालो!) क्या तुम हमसे इस बारे में बहस करते हो कि तुम अल्लाह और उसके धर्म के हमसे ज़्यादा हक़दार हो; इस कारण कि तुम्हारा धर्म पुराना है और तुम्हारी पुस्तक पहले की है। तो (जान लो) इससे तुम्हें कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि अल्लाह ही हम सब का रब है, वह विशेष रूप से केवल तुम्हारा ही रब नहीं है। तथा हमारे लिए हमारे कर्म हैं, जिनके बारे में तुमसे नहीं पूछा जाएगा, और तुम्हारे लिए तुम्हारे कर्म हैं, जिनके बारे में हमसे नहीं पूछा जाएगा। बल्कि प्रत्येक को उसके काम का बदला दिया जाएगा। हम इबादत और आज्ञाकारिता में अल्लाह के प्रति निष्ठावान हैं, उसके साथ किसी चीज़ को साझी नहीं ठहराते। info
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140 : 2

اَمْ تَقُوْلُوْنَ اِنَّ اِبْرٰهٖمَ وَاِسْمٰعِیْلَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ وَالْاَسْبَاطَ كَانُوْا هُوْدًا اَوْ نَصٰرٰی ؕ— قُلْ ءَاَنْتُمْ اَعْلَمُ اَمِ اللّٰهُ ؕ— وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنْ كَتَمَ شَهَادَةً عِنْدَهٗ مِنَ اللّٰهِ ؕ— وَمَا اللّٰهُ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟

(ऐ अह्ले किताब!) क्या तुम कहते हो : इबराहीम और इसमाईल और इसह़ाक़ और याक़ूब तथा याक़ूब की संतान में से होने वाले पैग़ंबर, यहूदी या ईसाई धर्म के अनुयायी थे? ऐ नबी! आप उनका उत्तर देते हुए कह दें : क्या तुम अधिक जानते हो या अल्लाह?! यदि उनका दावा है कि वे (उक्त नबीगण) उनके धर्म पर थे, तो निश्चय उन्होंने झूठ बोला है। क्योंकि उनकी नुबुव्वत और मृत्यु का ज़माना तौरात और इंजील उतरने से पहले का है! इससे यह पता चला कि जो कुछ वे कहते हैं, वह अल्लाह और उसके रसूलों के खिलाफ झूठ है, और उन्होंने उस सत्य को छिपाया है, जो उनपर उतरा था। और उससे बड़ा ज़ालिम कोई नहीं, जो अपने पास मौजूद उस पक्की गवाही को छिपाए, जिसका ज्ञान उसे अल्लाह की ओर से हुआ है, जैसा कि किताब वालों ने किया। और अल्लाह तुम्हारे कर्मों से अनजान नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा। info
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141 : 2

تِلْكَ اُمَّةٌ قَدْ خَلَتْ ۚ— لَهَا مَا كَسَبَتْ وَلَكُمْ مَّا كَسَبْتُمْ ۚ— وَلَا تُسْـَٔلُوْنَ عَمَّا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟۠

यह एक समुदाय था, जो गुज़र चुका और उस कार्य की ओर जा चुका जो उसने आगे बढ़ाया था। अतः उसके लिए उसके कमाए हुए (अच्छे या बुरे) कर्म हैं, और तुम्हारे लिए तुम्हारे कमाए हुए कर्म। न तुमसे उनके कर्मों के बारे में पूछा जाएगा, न उनसे तुम्हारे कर्मों के बारे में पूछा जाएगा, तथा कोई भी किसी दूसरे के गुनाह के बदले नहीं पकड़ा जाएगा और न ही वह किसी दूसरे के कर्म से लाभान्वित होगा। बल्कि प्रत्येक को उसके कर्म का बदला दिया जाएगा। info
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په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• أن دعوى أهل الكتاب أنهم على الحق لا تنفعهم وهم يكفرون بما أنزل الله على نبيه محمد صلى الله عليه وسلم.
• अह्ले किताब का यह दावा कि वे सत्य पर हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं देगा, जबकि वे उस चीज़ का इनकार करते हैं, जो अल्लाह ने अपने नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित किया है। info

• سُمِّي الدين صبغة لظهور أعماله وسَمْته على المسلم كما يظهر أثر الصبغ في الثوب.
• धर्म को 'सिबग़ा' (रंग) कहा गया है; क्योंकि उसके कार्य और उसकी छाप मुसलमान पर उसी तरह दिखाई देती है, जैसे पोशाक पर रंग का प्रभाव दिखाई देता है। info

• أن الله تعالى قد رَكَزَ في فطرةِ خلقه جميعًا الإقرارَ بربوبيته وألوهيته، وإنما يضلهم عنها الشيطان وأعوانه.
• अल्लाह ने अपने पालनहार और पूज्य होने के इक़रार को अपनी सारी सृष्टि की प्रकृति में स्थापित कर दिया है। ये तो शैतान और उसके सहयोगी हैं, जो उसे उससे गुमराह कर देते हैं। info