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74 : 6

وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهِیْمُ لِاَبِیْهِ اٰزَرَ اَتَتَّخِذُ اَصْنَامًا اٰلِهَةً ۚ— اِنِّیْۤ اَرٰىكَ وَقَوْمَكَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟

और (ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने मुश्रिक पिता आज़र से कहा : ऐ मेरे पिता जी! क्या आप मूर्तियों को पूज्य बनाकर अल्लाह के अलावा उनकी पूजा करते हैं?! मैं आपको और आपकी जाति के लोगों को, जो मूर्तियों की पूजा करने वाले हैं, तुम्हारे अल्लाह के अलावा की पूजा करने के कारण सत्य के मार्ग से खुली गुमराही और भ्रम में देखता हूँ। क्योंकि वही महिमावान अकेला सत्य पूज्य है और उसके सिवा दूसरे असत्य पूज्य हैं। info
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75 : 6

وَكَذٰلِكَ نُرِیْۤ اِبْرٰهِیْمَ مَلَكُوْتَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَلِیَكُوْنَ مِنَ الْمُوْقِنِیْنَ ۟

जिस प्रकार हमने उन्हें उनके पिता तथा उनकी जाति की पथभ्रष्टता दिखाई, वैसे ही हम उन्हें आकाशों और धरती का विशाल राज्य दिखाते हैं; ताकि वह उस विशाल राज्य से अल्लाह की एकता और उसी अकेले के एकमात्र इबादत के योग्य होने पर प्रमाण प्रस्तुत करें; ताकि उन्हें परिपूर्ण विश्वास हो जाए कि अल्लाह एक है, उसका कोई साझी नहीं, और यह कि वह हर चीज़ करने में सक्षम है। info
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76 : 6

فَلَمَّا جَنَّ عَلَیْهِ الَّیْلُ رَاٰ كَوْكَبًا ۚ— قَالَ هٰذَا رَبِّیْ ۚ— فَلَمَّاۤ اَفَلَ قَالَ لَاۤ اُحِبُّ الْاٰفِلِیْنَ ۟

जब उनपर रात अंधेरी हो गई, तो उन्होंने एक तारा देखा। कहने लगे : यह मेरा रब है। फिर जब तारा ग़ायब हो गया, तो उन्होंने कहा : मैं ग़ायब होने वाले को पसंद नहीं करता। क्योंकि सच्चा पूज्य मौजूद रहने वाला होता है, ग़ायब नहीं होता। info
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77 : 6

فَلَمَّا رَاَ الْقَمَرَ بَازِغًا قَالَ هٰذَا رَبِّیْ ۚ— فَلَمَّاۤ اَفَلَ قَالَ لَىِٕنْ لَّمْ یَهْدِنِیْ رَبِّیْ لَاَكُوْنَنَّ مِنَ الْقَوْمِ الضَّآلِّیْنَ ۟

जब उन्होंने चाँद को उगते देखा, तो कहा : यह मेरा रब है। फिर जब वह ग़ायब हो गया, तो उन्होंने कहा : यदि अल्लाह ने मुझे अपने एकेश्वरवाद और एकमात्र अपनी इबादत की तौफीक़ न दी, तो निश्चय मैं उन लोगों में से हो जाऊँगा, जो उसके सत्य धर्म से दूर हैं। info
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78 : 6

فَلَمَّا رَاَ الشَّمْسَ بَازِغَةً قَالَ هٰذَا رَبِّیْ هٰذَاۤ اَكْبَرُ ۚ— فَلَمَّاۤ اَفَلَتْ قَالَ یٰقَوْمِ اِنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تُشْرِكُوْنَ ۟

जब उन्होंने सूरज को उगते हुए देखा, तो कहा : यह उगने वाला (सूरज) मेरा रब है। यह उगने वाला, तारे और चाँद से बड़ा है। लेकिन जब वह भी ग़ायब हो गया, तो कहने लगे : ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं उससे बरी हूँ, जो तुम अल्लाह के साथ शरीक ठहराते हो। info
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79 : 6

اِنِّیْ وَجَّهْتُ وَجْهِیَ لِلَّذِیْ فَطَرَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ حَنِیْفًا وَّمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟ۚ

मैंने अपने धर्म (धार्मिकता) को उस अस्तित्व के लिए विशुद्ध कर दिया, जिसने बिना किसी पूर्व उदाहरण के आकाशों तथा धरती की रचना की है, शिर्क से विमुख होकर शुद्ध एकेश्वरवाद की ओर रुख करते हुए, तथा मैं उन बहुदेववादियों में से नहीं हूँ, जो अल्लाह के साथ उसके अलावा की पूजा करते हैं। info
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80 : 6

وَحَآجَّهٗ قَوْمُهٗ ؕ— قَالَ اَتُحَآجُّوْٓنِّیْ فِی اللّٰهِ وَقَدْ هَدٰىنِ ؕ— وَلَاۤ اَخَافُ مَا تُشْرِكُوْنَ بِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ رَبِّیْ شَیْـًٔا ؕ— وَسِعَ رَبِّیْ كُلَّ شَیْءٍ عِلْمًا ؕ— اَفَلَا تَتَذَكَّرُوْنَ ۟

और उनकी मुश्रिक जाति ने अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के बारे में उनके साथ झगड़ा किया और उन्हें अपनी मूर्तियों से डराया, तो इबराहीम अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : क्या तुम मुझसे अल्लाह के एकेश्वरवाद और एकमात्र उसी की इबादत करने के बारे में झगड़ते हो, हालाँकि मेरे पालनहार ने मुझे इसकी तौफ़ीक़ दी है, तथा मैं तुम्हारी मूर्तियों से नहीं डरता, क्योंकि वे न किसी हानि की मालिक हैं कि मुझे हानि पहुँचा सकें और न किसी लाभ की मालिक हैं कि मुझे लाभ पहुँचा सकें, सिवाय इसके कि अल्लाह चाहे। क्योंकि अल्लाह जो चाहे वह होकर रहने वाला है। और अल्लाह के हर चीज़ को जानने के साथ, धरती पर या आकाश में कुछ भी उससे छिपा नहीं है। तो क्या (ऐ मेरी जाति के लोगो!) तुम यह नहीं सोचते कि तुम अल्लाह के साथ कुफ़्र और शिर्क में पड़े हो, कि तुम अकेले अल्लाह पर ईमान ले आओ?! info
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81 : 6

وَكَیْفَ اَخَافُ مَاۤ اَشْرَكْتُمْ وَلَا تَخَافُوْنَ اَنَّكُمْ اَشْرَكْتُمْ بِاللّٰهِ مَا لَمْ یُنَزِّلْ بِهٖ عَلَیْكُمْ سُلْطٰنًا ؕ— فَاَیُّ الْفَرِیْقَیْنِ اَحَقُّ بِالْاَمْنِ ۚ— اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟ۘ

मैं उन मूर्तियों से कैसे डर सकता हूँ, जिनकी तुम अल्लाह के अलावा पूजा करते हो, जबकि तुम्हें अल्लाह के साथ शिर्क करते हुए डर नहीं लगता, जब तुम बिना किसी प्रमाण के अल्लाह के साथ उन चीज़ों को साझी बनाते हो जिन्हें उसने पैदा किया है?! तो दोनों दलों अर्थात् : एकेश्वरवादियों के दल और बहुदेववादियों के दल में से : कौन-सा दल शांति और सुरक्षा के अधिक योग्य है? यदि तुम उनमें से अधिक योग्य को जानते हो, तो उसका अनुसरण करो। और उनमें से अधिक योग्य - बिना किसी संदेह के - एकेश्वरवादी मोमिनों का दल है। info
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• الاستدلال على الربوبية بالنظر في المخلوقات منهج قرآني.
• सृष्टियों पर विचार करके, अल्लाह के रब होने पर तर्क स्थापित करना एक क़ुरआनी तरीक़ा है। info

• الدلائل العقلية الصريحة توصل إلى ربوبية الله.
• स्पष्ट तर्कसिद्ध साक्ष्य अल्लाह के ईश्वरत्व (को स्वीकारने) की ओर ले जाते हैं। info