വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - അൽ മുഖ്തസ്വർ ഫീ തഫ്സീറിൽ ഖുർആനിൽ കരീം (ഹിന്ദി വിവർത്തനം).

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82 : 21

وَمِنَ الشَّیٰطِیْنِ مَنْ یَّغُوْصُوْنَ لَهٗ وَیَعْمَلُوْنَ عَمَلًا دُوْنَ ذٰلِكَ ۚ— وَكُنَّا لَهُمْ حٰفِظِیْنَ ۟ۙ

और हमने शैतानों में से भी कुछ उनके अधीन कर दिए थे, जो उनके लिए समुद्रों में डुबकी लगाकर मोतियाँ और दूसरी चीज़ें निकालते थे और इसके अलावा अन्य कार्य भी करते थे, जैसे घर बनाना। और हम उनकी संख्या और उनके कार्यों को संरक्षित करने वाले थे। उसमें से कोई चीज़ हमसे नहीं छूटती। info
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83 : 21

وَاَیُّوْبَ اِذْ نَادٰی رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الضُّرُّ وَاَنْتَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ

और (ऐ रसूल!) अय्यूब अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करें, जब उन्होंने विपत्ति से ग्रस्त होने पर अपने रब को यह कहते हुए पुकारा : ऐ मेरे रब! मुझे बीमारी लग गई है और घर वाले बिछड़ गए। और तू सभी दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है। अतः मुझसे उस विपत्ति को दूर कर दे, जो मुझे पहुँची है। info
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84 : 21

فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ فَكَشَفْنَا مَا بِهٖ مِنْ ضُرٍّ وَّاٰتَیْنٰهُ اَهْلَهٗ وَمِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِنَا وَذِكْرٰی لِلْعٰبِدِیْنَ ۟

तो हमने उनकी दुआ स्वीकार कर ली और उन्हें जो भी कष्ट पहुँचा था, उनसे दूर कर दिया और उन्हें उनके बिछड़े हुए परिजन और बच्चे प्रदान कर दिए और उनके साथ उनके बराबर और भी दिए। यह सब कुछ हमने अपनी ओर से दया के रूप में और हर उस व्यक्ति की याद-दहानी के लिए किया, जो इबादत के साथ अल्लाह का आज्ञापालन करने वाला है, ताकि वह भी अय्यूब अलैहिस्सलाम की तरह सब्र करे। info
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85 : 21

وَاِسْمٰعِیْلَ وَاِدْرِیْسَ وَذَا الْكِفْلِ ؕ— كُلٌّ مِّنَ الصّٰبِرِیْنَ ۟

और (ऐ रसूल!) इसमाईल, इदरीस और ज़ुल-किफ़्ल अलैहिमुस्सलाम को याद करें। इनमें से हर एक विपत्ति पर और अल्लाह की दी हुई ज़िम्मेवारी को अदा करने पर धैर्य से काम लेने वालों में से था। info
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86 : 21

وَاَدْخَلْنٰهُمْ فِیْ رَحْمَتِنَا ؕ— اِنَّهُمْ مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟

हमने उन्हें अपनी दया में दाख़िल कर लिया। चुनाँचे हमने उन्हें नबी बनाए और उन्हें जन्नत में दाखिल किए। वे अल्लाह के उन सदाचारी बंदों में से थे, जिन्होंने अपने पालनहार की आज्ञा का पालन किया और उनके ज़ाहिर-ओ-बातिन (अंदर और बाहर) अच्छे थे। info
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87 : 21

وَذَا النُّوْنِ اِذْ ذَّهَبَ مُغَاضِبًا فَظَنَّ اَنْ لَّنْ نَّقْدِرَ عَلَیْهِ فَنَادٰی فِی الظُّلُمٰتِ اَنْ لَّاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنْتَ سُبْحٰنَكَ ۖۗ— اِنِّیْ كُنْتُ مِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۚۖ

और (ऐ रसूल!) मछली वाले नबी, यूनुस अलैहिस्सलाम की कहानी याद करें, जब वह अपनी जाति के लोगों की लगातार अवज्ञा के कारण उनसे नाराज़ होकर अपने रब की अनुमति के बिना चले गए। उन्होंने समझा कि हम उनके चले जाने की सज़ा के तौर पर उन्हें तंगी में नहीं डालेंगे। लेकिन जब मछली ने उन्हें निगल लिया, तो वह गंभीर तंगी और क़ैद से पीड़ित हुए। तो उन्होंने मछली के पेट, समुद्र और रात के अंधेरे में, अपने पाप को स्वीकार करते हुए, अल्लाह के सामने तौबा करते हुए दुआ की : तेरे सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं, तू पाक एवं पवित्र है। निश्चय मैं ही अत्याचारियों में से हो गया हूँ। info
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88 : 21

فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ ۙ— وَنَجَّیْنٰهُ مِنَ الْغَمِّ ؕ— وَكَذٰلِكَ نُـجِی الْمُؤْمِنِیْنَ ۟

तो हमने उनकी दुआ स्वीकार कर ली और उन्हें अंधेरों से और मछली के पेट से निकालकर, उस संकट की तीव्रता से मुक्ति प्रदान की। और जिस तरह यूनुस अलैहिस्सलाम को संकट से मुक्ति दी, उसी तरह हम मोमिनों को मुक्ति देते हैं, यदि वे किसी संकट में पड़ जाएँ और अल्लाह से दुआ करें। info
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89 : 21

وَزَكَرِیَّاۤ اِذْ نَادٰی رَبَّهٗ رَبِّ لَا تَذَرْنِیْ فَرْدًا وَّاَنْتَ خَیْرُ الْوٰرِثِیْنَ ۟ۚۖ

और (ऐ रसूल!) ज़करिया अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करें, जब उन्होंने अपने पालनहार को यह कहते हुए पुकारा : ऐ मेरे रब! मुझे अकेला न छोड़ कि मेरी कोई औलाद न हो। और तू सबसे बेहतर बाक़ी रहने वाला है। इसलिए मुझे एक बेटा प्रदान कर, जो मेरे बाद बाक़ी रहे। info
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90 : 21

فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ ؗ— وَوَهَبْنَا لَهٗ یَحْیٰی وَاَصْلَحْنَا لَهٗ زَوْجَهٗ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا یُسٰرِعُوْنَ فِی الْخَیْرٰتِ وَیَدْعُوْنَنَا رَغَبًا وَّرَهَبًا ؕ— وَكَانُوْا لَنَا خٰشِعِیْنَ ۟

तो हमने उनकी दुआ स्वीकार कर ली और उन्हें यह़या के रूप में एक बेटा प्रदान किया और उनकी पत्नी को ठीक कर दिया। चुनाँचे वह बच्चा जनने वाली हो गई, जबकि वह पहले बच्चा जनने के योग्य नहीं थी। निश्चय ज़करिया, उनकी पत्नी और उनके बेटे, नेकियाँ करने में बहुत जल्दी करते थे तथा वे हमें हमारे सवाब के लोभ में और हमारी सज़ा से डरते हुए पुकारते थे और हमारे सामने गिड़गिड़ाने वाले थे। info
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ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• الصلاح سبب للرحمة.
• अच्छाई (धर्म-परायणता) दया का कारण है। info

• الالتجاء إلى الله وسيلة لكشف الكروب.
• अल्लाह का सहारा लेना संकटों को दूर करने का कारण है। info

• فضل طلب الولد الصالح ليبقى بعد الإنسان إذا مات.
• अल्लाह से नेक संतान माँगने की फज़ीलत, ताकि वह आदमी के मरने के बाद बाक़ी रहे। info

• الإقرار بالذنب، والشعور بالاضطرار لله وشكوى الحال له، وطاعة الله في الرخاء من أسباب إجابة الدعاء وكشف الضر.
• गुनाह का इक़रार करना, अल्लाह के प्रति अपनी विवशता की भावना, उसी से अपनी स्थिति की शिकायत करना और खुशहाली में अल्लाह की आज्ञा का पालन करना, दुआ के क़बूल होने और संकट के मोचन के कारणों में से है। info