വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - അൽ മുഖ്തസ്വർ ഫീ തഫ്സീറിൽ ഖുർആനിൽ കരീം (ഹിന്ദി വിവർത്തനം).

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73 : 21

وَجَعَلْنٰهُمْ اَىِٕمَّةً یَّهْدُوْنَ بِاَمْرِنَا وَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِمْ فِعْلَ الْخَیْرٰتِ وَاِقَامَ الصَّلٰوةِ وَاِیْتَآءَ الزَّكٰوةِ ۚ— وَكَانُوْا لَنَا عٰبِدِیْنَ ۟ۙ

और हमने उन्हें पेशवा बनाया, जिनसे लोग भलाई में मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। वे अल्लाह की अनुमति से लोगों को अकेले अल्लाह की इबादत की ओर बुलाते थे। तथा हमने उनकी ओर वह़्य भेजी कि अच्छे कार्य करो, संपूर्ण तरीक़े से नमाज़ अदा करो और ज़कात दो। और वे हमारे आज्ञाकारी थे। info
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74 : 21

وَلُوْطًا اٰتَیْنٰهُ حُكْمًا وَّعِلْمًا وَّنَجَّیْنٰهُ مِنَ الْقَرْیَةِ الَّتِیْ كَانَتْ تَّعْمَلُ الْخَبٰٓىِٕثَ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمَ سَوْءٍ فٰسِقِیْنَ ۟ۙ

और लूत को हमने विरोधियों के बीच निर्णय करने की क्षमता प्रदान की और उन्हें उनके धर्म का ज्ञान दिया, तथा उन्हें उस यातना से बचा लिया, जिसे हमने उनकी बस्ती (सदूम) पर उतारी थी, जिसके लोग अनैतिक कार्य करते थे। निश्चय वे भ्रष्ट लोग थे, जो अपने रब के आज्ञापालन से निकलने वाले थे। info
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75 : 21

وَاَدْخَلْنٰهُ فِیْ رَحْمَتِنَا ؕ— اِنَّهٗ مِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟۠

और हमने उन्हें उनकी जाति पर उतरने वाली यातना से बचाकर, अपनी दया में दाखिल कर लिया। वह उन नेक लोगों में से थे, जो हमारे आदेश का पालन करते हैं और हमारे निषेधों से बचते हैं। info
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76 : 21

وَنُوْحًا اِذْ نَادٰی مِنْ قَبْلُ فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ فَنَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ

और (ऐ रसूल!) नूह़ अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करो, जब उन्होंने इबराहीम और लूत अलैहिमस्सलाम से पहले अल्लाह को पुकारा, तो हमने उनकी पुकार का जवाब देते हुए उनकी माँग पूरी कर दी। फिर हमने उन्हें और उनके ईमान वाले परिजनों को बड़े दुःख से बचा लिया। info
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77 : 21

وَنَصَرْنٰهُ مِنَ الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمَ سَوْءٍ فَاَغْرَقْنٰهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟

और हमने उन्हें उस जाति की चाल से बचाया, जिन्होंने रसूल की सच्चाई को दर्शाने वाली उन निशानियों को झुठलाया, जिनके द्वारा हमने उनका समर्थन किया था। निश्चय वे बिगाड़ और बुराई वाले लोग थे। तो हमने उन सभी को डुबो कर नष्ट कर दिया। info
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78 : 21

وَدَاوٗدَ وَسُلَیْمٰنَ اِذْ یَحْكُمٰنِ فِی الْحَرْثِ اِذْ نَفَشَتْ فِیْهِ غَنَمُ الْقَوْمِ ۚ— وَكُنَّا لِحُكْمِهِمْ شٰهِدِیْنَ ۟ۙ

और (ऐ रसूल!) दाऊद और उनके बेटे सुलैमान अलैहिमस्सलाम की कहानी को याद करें, जब दोनों, दो झगड़ने वालों के मामले में फ़ैसला कर रहे थे, जो उनके पास आए थे। मामला यह था एक व्यक्ति की बकरियों ने रात को दूसरे व्यक्ति के खेत में घुसकर नुक़सान कर दिया था। और हम दाऊद और सुलैमान के फ़ैसले को देख रहे थे। उनके फैसले से कुछ भी हमारी निगाहों से ओझल नहीं था। info
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79 : 21

فَفَهَّمْنٰهَا سُلَیْمٰنَ ۚ— وَكُلًّا اٰتَیْنَا حُكْمًا وَّعِلْمًا ؗ— وَّسَخَّرْنَا مَعَ دَاوٗدَ الْجِبَالَ یُسَبِّحْنَ وَالطَّیْرَ ؕ— وَكُنَّا فٰعِلِیْنَ ۟

तो हमने दाऊद के बजाय, उनके बेटे सुलैमान को इस मामले का सही निर्णय सुझा दिया। जबकि दाऊद और सुलैमान में से हर एक को हमने नुबुव्वत और शरीयत के अहकाम का ज्ञान दिया था। ऐसा नहीं था कि ये चीज़ें केवल सुलैमान को प्रदान की गई हों। और हमने पहाड़ों को दाऊद के अधीन कर दिया था, जो उनके साथ अल्लाह की पवित्रता बयान करते थे। और पक्षियों को भी उनके अधीन कर दिया था। और ये मामले की समझ, हुक्म और ज्ञान प्रदान करने वाले तथा वस्तुओं को उनके अधीन करने वाले हम ही थे। info
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80 : 21

وَعَلَّمْنٰهُ صَنْعَةَ لَبُوْسٍ لَّكُمْ لِتُحْصِنَكُمْ مِّنْ بَاْسِكُمْ ۚ— فَهَلْ اَنْتُمْ شٰكِرُوْنَ ۟

और हमने सुलैमान के बिना, दाऊद को कवच बनाने का हुनर सिखाया, ताकि वह हथियारों के तुम्हारे शरीर को आघात पहुँचाने से तुम्हारी रक्षा करें। तो क्या (ऐ लोगो!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की इस नेमत का शुक्रिया अदा करने वाले हो?! info
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81 : 21

وَلِسُلَیْمٰنَ الرِّیْحَ عَاصِفَةً تَجْرِیْ بِاَمْرِهٖۤ اِلَی الْاَرْضِ الَّتِیْ بٰرَكْنَا فِیْهَا ؕ— وَكُنَّا بِكُلِّ شَیْءٍ عٰلِمِیْنَ ۟

और हमने तेज़ बहने वाली हवा को सुलैमान के अधीन कर दिया, जो उनके आदेश पर शाम (लेवंत) की भूमि की ओर बहती थी, जिसमें हमने नबियों को भेजकर और भलाइयाँ फैलाकर बरकतें रखी थीं। और हम हमेशा से हर वस्तु को जानने वाले हैं। उसमें से कोई चीज़ हमसे छिपी नहीं है। info
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ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• فعل الخير والصلاة والزكاة، مما اتفقت عليه الشرائع السماوية.
• अच्छा कार्य करना, नमाज़ पढ़ना और ज़कात देना, ऐसे कार्य हैं, जिनपर आसमानी शरीयतें सहमत हैं। info

• ارتكاب الفواحش سبب في وقوع العذاب المُسْتَأْصِل.
• अश्लील (अनैतिक) कार्य करना विनाशकारी यातना के आने का कारण है। info

• الصلاح سبب في الدخول في رحمة الله.
• धर्म-परायणता अल्लाह की दया में दाखिल होने का कारण है। info

• الدعاء سبب في النجاة من الكروب.
• दुआ, संकट से मुक्ति का कारण है। info