വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - അൽ മുഖ്തസ്വർ ഫീ തഫ്സീറിൽ ഖുർആനിൽ കരീം (ഹിന്ദി വിവർത്തനം).

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164 : 2

اِنَّ فِیْ خَلْقِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَاخْتِلَافِ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ وَالْفُلْكِ الَّتِیْ تَجْرِیْ فِی الْبَحْرِ بِمَا یَنْفَعُ النَّاسَ وَمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ مِنَ السَّمَآءِ مِنْ مَّآءٍ فَاَحْیَا بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَبَثَّ فِیْهَا مِنْ كُلِّ دَآبَّةٍ ۪— وَّتَصْرِیْفِ الرِّیٰحِ وَالسَّحَابِ الْمُسَخَّرِ بَیْنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّعْقِلُوْنَ ۟

निःसंदेह आसमानों और ज़मीन की रचना और उनमें उपस्थित अद्भुत प्राणियों में, तथा रात और दिन के एक-दूसरे के पश्चात आने-जाने में, तथा उन कश्तियों में जो लोगों को लाभ पहुँचाने वाले भोजन, वस्त्र, व्यापार और अन्य आवश्यकता की चीज़ों को लेकर समुद्र के पानी में दौड़ती हैं, तथा उस पानी में जो अल्लाह ने आसमान से उतारा, फिर उसके द्वारा धरती को उसमें उगने वाली फसलों और पौधों (घास) के द्वारा पुनर्जीवित किया। तथा धरती के ऊपर जीवित प्राणियों को फैलाने में, तथा एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ हवाओं के फेरने में, तथा धरती और आकाश के बीच वशीभूत किए हुए बादलों में; निश्चय इन सब में उन लोगों के लिए अल्लाह के एकत्व (एकेश्वरवाद) के स्पष्ट संकेत (प्रमाण) हैं, जो तर्कों और प्रमाणों को समझते हैं। info
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165 : 2

وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یَّتَّخِذُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَنْدَادًا یُّحِبُّوْنَهُمْ كَحُبِّ اللّٰهِ ؕ— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اَشَدُّ حُبًّا لِّلّٰهِ ؕ— وَلَوْ یَرَی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْۤا اِذْ یَرَوْنَ الْعَذَابَ ۙ— اَنَّ الْقُوَّةَ لِلّٰهِ جَمِیْعًا ۙ— وَّاَنَّ اللّٰهَ شَدِیْدُ الْعَذَابِ ۟

इन स्पष्ट निशानियों के बावजूद, कुछ लोग ऐसे हैं, जो अल्लाह के अलावा कुछ पूज्य ठहराकर उन्हें अल्लाह का समकक्ष बना लेते हैं, जिनसे वे वैसा ही प्रेम करते हैं जैसा प्रेम अल्लाह से करते हैं। परंतु जो लोग ईमान लाए, वे अल्लाह से इन लोगों के अपने पूज्यों (देवताओं) से प्रेम करने से कहीं बढ़कर प्रेम करने वाले होते हैं। क्योंकि वे अल्लाह के साथ किसी को साझी नहीं बनाते, तथा वे समृद्धि और विपत्ति दोनों में उससे प्रेम करते हैं। जबकि इन लोगों का हाल यह है कि वे केवल समृद्धि में अपने पूज्यों से प्रेम करते हैं, लेकिन विपत्ति में केवल अल्लाह को पुकारते हैं। यदि अपने शिर्क और बुरे कर्मों के द्वारा अत्याचार करने वाले आख़िरत में अपनी स्थिति को देख लें जब वे अज़ाब को देखेंगे; तो जान लें कि सर्वशक्तिमान केवल अल्लाह ही है तथा वह अपने अवज्ञाकारियों को कठिन यातना देने वाला है। यदि ये लोग उस स्थिति को देख लेते, तो अल्लाह के साथ किसी को साझी न बनाते। info
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166 : 2

اِذْ تَبَرَّاَ الَّذِیْنَ اتُّبِعُوْا مِنَ الَّذِیْنَ اتَّبَعُوْا وَرَاَوُا الْعَذَابَ وَتَقَطَّعَتْ بِهِمُ الْاَسْبَابُ ۟

यह उस समय होगा जब अनुसरण किए गए सरदार उन कमज़ोरों से अलग हो जाएँगे जिन्होंने उनका अनुसरण किया था; क्योंकि वे क़ियामत के दिन की भयावहता और उसकी कठिनाइयों को देख रहे होंगे, तथा मुक्ति के सभी कारण और साधन उनसे कट जाएँगे। info
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167 : 2

وَقَالَ الَّذِیْنَ اتَّبَعُوْا لَوْ اَنَّ لَنَا كَرَّةً فَنَتَبَرَّاَ مِنْهُمْ كَمَا تَبَرَّءُوْا مِنَّا ؕ— كَذٰلِكَ یُرِیْهِمُ اللّٰهُ اَعْمَالَهُمْ حَسَرٰتٍ عَلَیْهِمْ ؕ— وَمَا هُمْ بِخٰرِجِیْنَ مِنَ النَّارِ ۟۠

तथा कमज़ोर और अनुयायी लोग कहेंगे : काश! हमें दुनिया में वापस जाने का एक अवसर मिल जाता, तो हम भी अपने पेशवाओं से उसी तरह बिल्कुल अलग हो जाते, जैसे वे आज हमसे बिल्कुल अलग हो गए। जिस तरह अल्लाह ने उन्हें आख़िरत में कठिन यातना दिखाई है, उन्हें उनके पेशवाओं का असत्य पर अनुसरण करने का परिणाम पछतावे और दुखों के रूप में दिखाएगा, और वे कभी भी आग (जहन्नम) से बाहर नहीं आएँगे। info
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168 : 2

یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ كُلُوْا مِمَّا فِی الْاَرْضِ حَلٰلًا طَیِّبًا ؗ— وَّلَا تَتَّبِعُوْا خُطُوٰتِ الشَّیْطٰنِ ؕ— اِنَّهٗ لَكُمْ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟

ऐ लोगो! धरती में मौजूद चीज़ों जैसे जानवरों, पौधों और पेड़ों में से खाओ, जिसकी कमाई हलाल हो और वह अपने आप में अच्छी हो, बुरी (अशुद्ध) न हो। तथा शैतान के उन रास्तों पर मत चलो, जिनके द्वारा वह तुम्हें लुभाता है। क्योंकि वह तुम्हारा एक ऐसा शत्रु है जिसकी शत्रुता स्पष्ट है। और एक समझदार व्यक्ति के लिए अपने शत्रु का अनुसरण करना जायज़ नहीं है, जो उसे नुक़सान पहुँचाने और गुमराह करने का लोभी होता है! info
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169 : 2

اِنَّمَا یَاْمُرُكُمْ بِالسُّوْٓءِ وَالْفَحْشَآءِ وَاَنْ تَقُوْلُوْا عَلَی اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟

वह केवल तुम्हें बुरे पापों तथा बड़े एवं गंभीर गुनाहों का आदेश देता है और यह कि तुम अक़ीदे और शरीयत के नियमों के संबंध में अल्लाह पर कोई बात कहो, जिसके बारे में तुम्हारे पास अल्लाह या उसके रसूल की तरफ़ से कोई ज्ञान न आया हो। info
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ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• المؤمنون بالله حقًّا هم أعظم الخلق محبة لله؛ لأنهم يطيعونه على كل حال في السراء والضراء، ولا يشركون معه أحدًا.
• अल्लाह पर सच्चा ईमान रखने वाले, अल्लाह के प्रेम में सभी लोगों से बढ़कर होते हैं; क्योंकि वे समृद्धि और विपत्ति हर हाल में अल्लाह का आज्ञापालन करते हैं और उसके साथ किसी को भी साझी नहीं बनाते। info

• في يوم القيامة تنقطع كل الروابط، ويَبْرَأُ كل خليل من خليله، ولا يبقى إلا ما كان خالصًا لله تعالى.
• क़ियामत के दिन सभी संबंध टूट जाएँगे और हर दोस्त अपने दोस्त से अलग हो जाएगा। तथा केवल वही बाकी रह जाएगा, जो विशुद्ध रूप से सर्वशक्तिमान अल्लाह के लिए था। info

• التحذير من كيد الشيطان لتنوع أساليبه وخفائها وقربها من مشتهيات النفس.
• शैतान की चालों से सावधान करना; क्योंकि वह तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है, जो छिपे हुए और मन की इच्छाओं के निकट होते हैं। info